Question no 8


8. 'दूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले विज्ञापनों का बच्चों पर बढ़ता प्रभाव ' शीर्षक को आपस में वार्तालाप कर उसे संवाद शैली में लिखिए |

मित्र

रमेश- दूरदर्शन हमारे जीवन का मुख्य अंग है। सर्वप्रथम टी.वी की दुनिया में भारत में दूरदर्शन का ही राज हुआ करता था।
सुुुरेेेश-  हाँ, किसी चीज़ का प्रचार करना विज्ञापन कहलाता है। आज दूरदर्शन पर विभिन्न प्रकार के विज्ञापन दिखाए जाते हैं। इनमें से कुछ प्रभावी तथा कुछ भ्रामक होते हैं।
रमेश- सबसे बड़ा खतरा भ्रामक विज्ञापनों से होता है, जिनका दुष्प्रभाव होता है। कई विज्ञापन तो ऐसे होते हैं, जो परिवार के साथ देखने लायक नहीं होते। जिनका बच्चों पर बुरा प्रभाव होता है।
 सुरेश - अपनी कंपनी का उत्पाद बेचने के लिए ये लोग किसी भी तरह के हथकण्डे अपना सकते हैं। इनके भ्रम जाल में लोग फंसते जा रहे हैं। व्यस्क प्रकार के विज्ञापन भी दिखाए जाते हैं, जो मजबूरन बच्चों को अपने परिवार के साथ देखना पड़ता है। इन विज्ञापनों का मानक नियत करना चाहिए, जिससे साफ़-सुथरा विज्ञापन दिखाई दे।
रमेश  -सच कहा। बच्चों पर ऐसे विज्ञापनों का कुप्रभाव पड़ता है। मैं ऐसे विज्ञापनों की निंदा करता हूँ।

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