raidas ke bhakti bhavana pe prakash daileye
मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
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रैदास की भक्तिभावना निश्चल और पवित्र है। वे अपने भगवान को सबकुछ मानते हैं। उनका अपने भगवान पर अटूट विश्वास है। वे उनकी दया तथा कृपा के लिए स्वयं को कृतज्ञ मानते हैं। उनके अनुसार यह उनके भगवान का ही प्रताप है, जो इस संसार में उन्हें राजाओं सा सम्मान प्राप्त करते हैं।