raman ki jigyasaavrutti ko spasht kijiye

मित्र रामन् बचपन से ही जिज्ञासु प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। बचपन में वे विज्ञान से जुड़े रहस्यों को सुलझाने के लिए बेचैन रहते थे। अपनी समुद्र-यात्रा के दौरान रामन् का ध्यान समुद्र के नीले रंग ने अपनी ओर आकर्षित किया। अपने शोधकार्य के दौरान वे वाद्ययंत्रो की ध्वनियों के पीछे छिपे वैज्ञानिक रहस्यों को जानने में भी जुट गए। 

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