raudra ras example in short 4 lines
जहाँ क्रोध, वैर ,अपमान अथवा प्रतिशोध का भाव भिन्न-भिन्न संचारी भावों,विभावों और अनुभावों के कारण बढ़ते हुए सीमा पार कर जाए वहाँ रौद्र-रस होता है।
हरि ने भीषण हुँकार किया,
अपना स्वरूप विस्तार किया,
डगमग डगमग दिग्गज डोले,
भगवान कुपित हो कर बोले।
हरि ने भीषण हुँकार किया,
अपना स्वरूप विस्तार किया,
डगमग डगमग दिग्गज डोले,
भगवान कुपित हो कर बोले।