Sakhiyaa ke anusar swan rup kya hai?
मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
जिस प्रकार रास्ते में कुत्ते चिल्ला-चिल्लाकर लोगों को परेशान करते हैं, वैसे ही संसार संतों को बोल-बोलकर परेशान करते हैं। उन पर अनावश्यक टिप्पणी करते हैं। अतः कबीर ने संसार को स्वान या कुत्ता कहा है।
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
जिस प्रकार रास्ते में कुत्ते चिल्ला-चिल्लाकर लोगों को परेशान करते हैं, वैसे ही संसार संतों को बोल-बोलकर परेशान करते हैं। उन पर अनावश्यक टिप्पणी करते हैं। अतः कबीर ने संसार को स्वान या कुत्ता कहा है।