Saki
11. साखियों के माध्यम से स्पष्ट कीजिए कि कबीरदास जी समाज को सुधारने का महान कार्य करना चाहते हैं।


मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
 
कबीर दास जी ने समाज में फैली बुराइयों के प्रति अपनी साखियों के माध्यम से रोष प्रकट किया है। कबीर दास जी विरोधी स्वभाव के थे।  वह कहते थे कि मैं आंखों देखी बात कहता हूं जबकि सब कागज पर लिखी बात करते हैं। कबीरदास जी का स्वभाव भाषणबाजी करने का नहीं था।  वह साखियों के माध्यम से समाज को जागृत करना चाहते थे। वह कहते थे सभी ईश्वर की संतान है, छोटा बड़ा कोई नहीं है। सब बराबर है। वह समाज को प्रेम का संदेश देना चाहते थे ताकि सब मिल-जुल कर रहें। वे कहते थे हमें इस प्रकार बोलना चाहिए जिससे सब प्रसन्न रहें।   

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