Sanskriti path Mein lekhak Ne Aag Aur sui Dhage ke Avishkar Se Kya spasht Kiya Hai ?

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संस्कृति’ पाठ में लेखक ने दो बड़े आविष्कारों का जिक्र किया है। आग और सुई-धागा। लेखक बताते हैं कि जब मानव समाज का अग्निदेवता से साक्षात् नहीं हुआ था उस समय जिस आदमी ने पहली बार आग का आविष्कार किया होगा वह कितना बड़ा आविष्कर्ता होगा। दूसरा उदाहरण लेखक ने सुई-धागा का दिया है। उस समय जब मानव को सुई-धागे का परिचय न था, जिस मनुष्य के दिमाग में पहले-पहल बात आई होगी कि लोहे के एक टुकड़े को घिसकर उसके एक सिरे को छेदकर और छेद में धागा पिरोकर कपड़े के दो टुकड़े एकसाथ जोड़े जा सकते हैं, वह भी कितना बड़ा आविष्कर्ता होगा। इस तरह से लेखक ने इन दो बड़े आविष्कारों की बात की है
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