Seevan udhedkar bhi dekhoge kya se kavi ka kya tatparya hai?

मित्र इस कविता में कवि अपने जीवन के बारे में किसी को कुछ नहीं बताना चाहता है। वह कहता है कि तुम मेरे अतीत के बारे में जानने के लिए इतने उत्सुक क्यों हो। ऐसा लगता है कि मेरे जीवन रूपी गुदड़ी को उधेड़कर तुम मेरे जीवन के हर एक रहस्य को जानना चाहते हैं। परंतु तुम्हें कुछ प्राप्त नहीं होगा क्योंकि मेरे जीवन में मात्र दुख के और कुछ नहीं है।

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