shilp saundarya for Q b 1,2,3

नमस्कार मित्र!
 
1. शिल्प सौंदर्य- गोपियाँ ने प्रत्यक्ष रूप में व्यंग्य कसा है। प्रीति नदी में रूपक अंलकार है। भाषा ब्रजभाषा है। पुरइन पात और तेल की गागर के उदाहरण बहुत उचित जान पड़ते हैं। कृष्ण के प्रति गोपियों का प्रेम का पता चलता है।
2. शिल्म सौंदर्य- पद में कई स्थानों पर अनुप्रास अलंकार का रूप देखने को मिलता है। सुनि-सुनि में पुनरूक्ति प्रकाश अलंकार है। वियोग श्रृंगार रस टपकता हुआ दिखाई देता है। पद की भाषा ब्रजभाषा है। गोपियों के विरह को सूरदास बहुत सुंदर रूप में व्यक्त करने में फल हुए हैं।
3. शिल्प सौंदर्य-  पद में कई स्थानों पर अनुप्रास अलंकार का रूप देखने को मिलता है। कान्ह-कान्ह में पुनरूक्ति प्रकाश अलंकार है। योग में कड़वी-ककड़ी की संभावना के कारण यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है। पद की भाषा ब्रजभाषा है। गोपियों के दृढ़ स्वरूप को सूरदास ने बहुत सुंदर रूप में व्यक्त किया है।
 
ढेरों शुभकामनाएँ!

  • 3
What are you looking for?