shilp saundarya of poem sangatkar.....
संगतकार कविता में कवि ने सरल था सुबोध भाषा का प्रयोग किया है। कविता में दृश्यातमकता का समावेश है। प्रतीत होता है मानो यह सब हमारे सामने घटित हो रहा हो। सरल शब्दावली का प्रयोग किया गया है। जो सरलता से स्मरण हो जाती है।