Short paragraph in hindi on brijlal goenka from dairy ka ek panaa

उत्तर :- 

पाठ के अनुसार बृजलाल गोयनका कुछ दिनों से लेखक के साथ काम कर रहा था और उनके साथ दमदम जेल में भी था । सबसे पहले वह झंडा लेकर वंदेमातरम कहता हुआ मोनुमेंट की ओर दौड़ा, लेकिन बहुत तेजी से दौड़ने के कारण वह बीच में ही गिर पड़ा । उसे पुलिस ने पकड़ लिया और फिर कुछ देर बाद छोड़ दिया । इसके बाद वह महिलाओं के जुलूस में शामिल हो गया , और वहाँ भी उसे पकड़कर छोड़ दिया गया । इन सब के बाद वह 200 लोगों का जुलूस लेकर लालबाजार गया और अंततः वहाँ गिरफ्तार कर लिया गया ।

इस आधार पर आप अपना उत्तर लिख सकते हैं ।
 

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प्रस्तुत पाठ के लेखक सीताराम सेकसरिया आज़ादी की इच्छा रखने वाले उन्ही महान इंसानों में से एक थे। वह दिन -प्रतिदिन जो भी देखते थे ,सुनते थे और महसूस करते थे ,उसे अपनी एक निजी डायरी में लिखते रहते थे। यह कई वर्षों तक इसी तरह चलता रहा। इस पाठ में उनकी डायरी का 26 जनवरी 1931 का लेखाजोखा है जो उन्होंने खुद अपनी डायरी में लिखा था।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस और स्वयं लेखक सहित कलकत्ता (कोलकता ) के लोगों ने देश का दूसरा स्वतंत्रता दिवस किस जोश के साथ मनाया, अंग्रेज प्रशासकों ने इसे उनका विरोध मानते हुए उन पर और विशेषकर महिला कार्यकर्ताओं पर कैसे -कैसे जुल्म ढाए, इन सब बातों का वर्णन इस पाठ में किया गया है।यह पाठ हमारे क्रांतिकारियों की कुर्बानियों को तो याद दिलाता ही है साथ ही साथ यह भी सिखाता है कि यदि एक समाज या सभी लोग एक साथ सच्चे मन से कोई कार्य करने की ठान लें तो ऐसा कोई भी काम नहीं है जो वो नहीं कर सकते।

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