Smiri. Is sansmaran main lekhak ne balyavastha ki kin ghatnao ka sajeev chitran kiya hain?

मित्र!
​आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
इस पाठ में लेखक ने अपनी बाल्यावस्था का सजीव चित्रण किया है। उसने उस समय का वर्णन किया है, जब वह अपने भाई के साथ कुएँ पर स्कूल जाते समय साँप को पत्थर मारते थे। एक दिन जब बड़े भाई के कहने पर वह चिट्ठियाँ डालने गया, तो साँप को तंग करने के लिए उठाए पत्थर के साथ चिट्ठियाँ भी कुएँ में चली गई।  उसे वापस लाने के लिए उसे एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाना पड़ा।

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