Solve this:
(ख) 'मनुष्यता' कविता में पशु-प्रवृत्ति से कवि का क्या तात्पर्य है?
मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
पशु-प्रवृत्ति से कवि का तात्पर्य है कि वह मनुष्य पशु के समान है जो सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए सोचता है। केवल अपने लिए जीने वाले मनुष्य और पशु में कोई अंतर नहीं है। ऐसे व्यक्ति को मरने के बाद भी कोई याद नहीं करता है इसलिए मनुष्य के अंदर पशु प्रवृत्ति नहीं होनी चाहिए उसे परोपकारी होना चाहिए।
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पशु-प्रवृत्ति से कवि का तात्पर्य है कि वह मनुष्य पशु के समान है जो सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए सोचता है। केवल अपने लिए जीने वाले मनुष्य और पशु में कोई अंतर नहीं है। ऐसे व्यक्ति को मरने के बाद भी कोई याद नहीं करता है इसलिए मनुष्य के अंदर पशु प्रवृत्ति नहीं होनी चाहिए उसे परोपकारी होना चाहिए।