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प्रश्न- कबीर द्वारा रचित साखियों में क्या सन्देश लिखित है? क्या आज के समय में भी सार्थक है?
 

मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।

कबीर दास जी ने समाज में फैली बुराइयों के प्रति अपनी साखियों के माध्यम से रोष प्रकट किया है। कबीर दास जी विरोधी स्वभाव के थे। उनकी साखियों​ में उन्होंने आंखों देखी बात कही है जबकि सब कागज पर लिखी बात करते हैं। कबीरदास जी का स्वभाव भाषणबाजी करने का नहीं था।  वह साखियों के माध्यम से समाज को जागृत करना चाहते थे। वह कहते थे सभी ईश्वर की संतान है, छोटा बड़ा कोई नहीं है। सब बराबर है। वह समाज को प्रेम का संदेश देना चाहते थे ताकि सब मिल-जुल कर रहें। वे कहते थे हमें इस प्रकार बोलना चाहिए जिससे सब प्रसन्न रहें। आज के समय में भी उनकी साखियाँ सार्थक हैं​ क्योंकि समाज में व्याप्त बुराइयाँ और भ्रष्टाचार पर सटीक बैठती हैं।

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kair ek prashid leakhak the unke sahiya aaj bhe lokpreya hai
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