Talks about how these people who make agarbattis give great sense of smell to the world but have an extremely difficult life themsleves with the description of their hands and their living conditions. The poet asks why we aren't doing anything to improve their condition.
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इस कविता में कवि हमारा ध्यान उन गंदे लोगो की तरफ आकर्षित करना चाहते हैं जो खुद दुनिया की सारी गंदगी के बीच रहकर ही पूरी दुनिया में खुशबू बिखेरते है। हमे नाज़ होना चाहिए ऐसे लोगो पर जो गंदी गलियो, गंदे ना ले तथा कूड़े के ढेर के इर्द गिर्द अपना जीवन कितनी विषम परिस्तिथि में जीवन बिताने पर मजबूर है। हमे ऐसे लोगो पर नाज़ होना चाहिए जिनके हाथ जूही की डाल से खुशबूदार हाथ होते है जो दुनिया के लिए अगरबत्ती बनाकर इन्ही खुशबूदार हाथो को खुरदुरा कर देने पर भी हमारे लिए निरंतर कड़ी मेहनत कर सफलता प्राप्त करते है।खुशबू रचने वाले ये हाथ दूरदराज़ के सबसे गंदे और बदबूदार इलाकों में जीवन बिता रहे हैं। ऐसे लोगो की एक नई ओर अलग पहचान होनी चाहिए।
शुक्रिया , यह हमारी सोच थी आप इसको पढ़के खुद से प्रयास ज़रूर करे। धन्यवाद।
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