Summary of "teesre kasam ke shilpkar shailendra"

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‘तीसरी कसम’ के लेखक फणीश्वरनाथ रेणु हैंl इस फिल्म के गीतकार शैलेन्द्र हैं। तीसरी कसम उनके द्वारा बनाई गई पहली और आखिरी फिल्म है। आज लगभग 50-60 वर्ष बीत जाने के  बाद भी ये दर्शकों को उतना ही रोमांचित करती है। इस फिल्म में निश्छल प्रेम की कथा दिखाई गई है। ‘तीसरी कसम’ फिल्म एक प्रकार से एक कविता है जो सैल्यूलाइड पर उतारी गई है। इसमें प्रेम की भावना को कई रूपों में दिखाया गया है। प्रेम को कभी भी अपनी मर्यादा को लांघते हुए नहीं दिखाया गया है। प्रेम को पाने के लिए आसमान से तारे तोड़ने की बातें नहीं की गई हैं। इस फिल्म ने ​बहुत से अवार्ड जीते और नायक राजकपूर ने शैलेन्द्र से अपने कार्य के बदले केवल 1 रुपया लिया था। 

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