swatantrata andolan me mahilaon ki bhi sakriy bhagidari rahi h. unke bare me likhiye

मित्र हम इनके विषय पर आपको कुछ जानकारियाँ दे रहे हैं। इंटरनेट के माध्यम से आप इसे स्वयं विस्तारपूर्वक लिखिए-

स्वतंत्रता आंदोलन में  पुरुषों के अतिरिक्त महिलाओं ने भी समान रूप से भाग लिया था। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया था कि भारत महिलाएँ चूल्हे-चौके के साथ-साथ देश के लिए भी लड़ सकती हैं। इस समय महिलाओं ने जो कार्य किए, उसे भूला नहीं जा सकता है। ऐसी महिलाओँ में सरोजनी नायडू, मैडम भीकाजी कामा, अरूणा आसफ अली जैसी दिग्गज महिलाएँ विद्यमान थीं। इन्होंने अपने साहस से भारतीय जनता को झकझोर दिया और देखते ही देखते देश आज़ाद हो गया। भारत की महिला स्वतंत्रता सेनानी में अरूणा आसफ अली ऐसी ही महिला थी। इनका जन्म पंजाब में 16 जुलाई, 1909 में हुआ था। यह ब्राह्मण परिवार में जन्मी थीं। इन्होंने नैनीताल से बी .ए. पास किया तथा आगे चलकर कलकत्ता में अध्यापिका बन गईं। इन्होंने ब्राह्मण परिवार से होने के बाद भी आसफ अली जी से विवाह किया। जिसका इन्हें कड़ा विरोध झेलना पड़ा था। इनके अंदर आज़ादी के प्रति आग थी, जिसका परिचय पूरे भारत को 'भारत छोड़ो आंदोलन' में देखने को मिला। इन्होंने महिला होते हुए भी गोवालिया मैदान में झंडा फहराया और यह दिखा दिया कि महिलाएँ भी देश की आज़ादी को लेकर सचेत हैं। अंग्रेज़ी सरकार तथा देशवासी इनके साहस को देखकर दांतों तले अँगुली दबाने को विवश हो गई।.............

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