Tell me 5 easy  sholaks of geeta? fast

नमस्कार मित्र!
आपकी सहायता के लिए हमने दो श्लोक दिए हैं बाकी आप स्वयं ढूँढिए।
 
1. नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः ।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः ।।
इस आत्माको शस्त्र काट नहीं सकते, आग जला नहीं सकती, जल गला नहीं सकता और वायु सूखा नहीं सकता।
 
2. यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।
 
जब जब धर्म की हानि होने लगती है और अधर्म आगे बढ़ने लगता है, तब तब मैं स्वयं की सृष्टि करता हूँ। अर्थात जन्म लेता हूँ। सज्जनों की रक्षा एवं दुष्टों के विनाश और धर्म की पुन:स्थापना के लिए मैं विभिन्न युगों मैं अवतरित होता हूँ।
 
ढेरों शुभकामनाएँ!

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but please tell me 3 sholaks also

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