Tum Kab Jaoge Atithi path ka Mool uddeshya kya hai
मित्र
तुम कब जाओगे, अतिथि' में लेखक शरद जोशी ने ऐसे लोगों पर व्यंग्य कसा है, जो दूसरों के घरों में अतिथि के रूप में जाते हैं। परन्तु बहुत समय तक वहाँ से निकलते नहीं है। यह पाठ व्यंग्यात्मक शैली में लिखा गया है। लेखक ने व्यंग्य-व्यंग्य में लोगों को समझाने का प्रयास किया है।
तुम कब जाओगे, अतिथि' में लेखक शरद जोशी ने ऐसे लोगों पर व्यंग्य कसा है, जो दूसरों के घरों में अतिथि के रूप में जाते हैं। परन्तु बहुत समय तक वहाँ से निकलते नहीं है। यह पाठ व्यंग्यात्मक शैली में लिखा गया है। लेखक ने व्यंग्य-व्यंग्य में लोगों को समझाने का प्रयास किया है।