Tum Kab Jaoge Atithi path ka Mool uddeshya kya hai

मित्र

तुम कब जाओगे
अतिथिमें लेखक शरद जोशी ने ऐसे लोगों पर व्यंग्य कसा हैजो दूसरों के घरों में अतिथि के रूप में जाते हैं। परन्तु बहुत समय तक वहाँ से निकलते नहीं है। यह पाठ व्यंग्यात्मक शैली में लिखा गया है। लेखक ने व्यंग्य-व्यंग्य में लोगों को समझाने का प्रयास किया है। 

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मैं उत्तर संक्षिप्त रख रहा हूँ, आप आगे इस पर विस्तार से बता सकते हैं|
इस पाठ में लेखक अतिथि की महत्तवा के बारे में कहना चाहते हैं| अतिथि को हमें भगवान के समान देखना चाहिए| उन्हे अकचे तरह से ध्यान देना भी चाहिए|
hope this helps!!
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