What is the difference between Sanskrit and Hindi?

मित्र प्राचीन काल में संस्कृत के दो रुप हमारे समाज में प्रचलित थे। एक थी सामान्य बोलचाल की भाषा जिसे लौकिक संस्कृत कहते थे। दूसरी भाषा वह थी जिसका प्रयोग साहित्य लेखन में किया जाता था, वह वैदिक संस्कृत कहलाती थी। धीरे-धीरे लौकिक संस्कृत का स्थान पालि भाषा ने ले लिया तथा यह साहित्य की भाषा भी बन गई। वैदिक संस्कृत अब समाप्त हो चुकी थी। उसके बाद पालि का स्थान अपभ्रंश भाषा ने ले लिया तथा इसी भाषा से हिंदी की उत्पत्ति हुई। 

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