what is the meaning of the poem naye ilake mein

प्रस्तुत कविता में कवि कहता है कि  वह अकसर नए बसते इलाके में रास्ता भूल जाता है। भाव यह है कि वहाँ पर प्रतिदिन नए मकान बनते चले जा रहे हैं। इन मकानों के बनने से पुराने पेड़, खाली ज़मीन, टूटे-फूटे घर सब कुछ खतम हो गए हैं। नए इलाके में नित्य नई इमारतें बनती जा रही हैं। कवि अपने ठिकाने पर पहुँचने के लिए निशानियाँ बनाता है, वे जल्दी मिट जाती हैं। इसीलिए कवि रास्ता भूल जाता है। कवि को यह स्थिति खटकती है।

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