Write essay on badte udyog kat'te van
वृक्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हिंदू धर्मग्रंथों में इन्हें देवताओं की संज्ञा दी गई है। वृक्षों की पूजा हम सदियों से करते आ रहे हैं। यह हमारा पालन-पोषण करते हैं। यह हमारे जीवन का आवश्यक अंग है। वृक्ष के बिना हम अधिक समय तक अपने अस्तित्व को जिंदा नहीं रख सकते हैं। यह हमारे लिए बहुपयोगी हैं। परन्तु हम यह सब जानते हुए भी अपने स्वार्थों के लिए इनकी अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं। अपने घरों, खेतों और वस्तुओं के निर्माण संबंधी आवश्यकताओं के लिए हम इनकी बलि चढ़ा रहे हैं। ओद्यौगिक प्रगति ने तो इनके विनाश का मार्ग ही खोल दिया है। ओद्यौगिक इकाई को बढ़ाने और स्थापित करने के लिए हमें अधिक जमीन की आवश्यकता होती है। उनके लिए स्थान बनाने हेतु हमें वनों का अधिकरण करते हैं और पेड़ों को काटते हैं। जितनी तेज़ी से हम इनकी कटाई कर रहे हैं, उतनी तेज़ी से ही हम अपनी जड़ें भी काट रहे हैं। वृक्षों के कटाव के कारण आज भयंकर स्थिति उत्पन्न हो गई है। वायुमण्डल में प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है। यह प्रदूषण मनुष्य के लिए हानिकारक हो गया है। प्रदूषण के कारण वायुमण्डल का तापमान लगातार बढ़ रहा है। ध्रूवों में स्थित बर्फ भी इसी कारण तेज़ी से पिघल रही है। ध्रुवीय प्रेदशों में स्थित बर्फ जहाँ हमारी पीने की आवश्यकता को पूरा करती हैं, वहीं यदि यह पिघल जाए, तो समुद्र में जल स्तर को बढ़ा सकती है, जिससे प्रलय की स्थिति बन सकती है। वृक्ष की जड़ें गहराई तक जाकर मृदा को बाँधे रखती है, जिससे बरसात में मिट्टी बह नहीं पाती है। इन सब समस्याओं को देखते हुए वृक्षों की उपयोगिता पर हमारा ध्यान केंद्रित होता है। हमें चाहिए कि अधिक से अधिक वृक्ष लगाएँ और अपनी पृथ्वी को बचाएँ।