Yashpal ne patansheel samantivarg par kataksh kiya hai. Is kathan ko 'Lucknavi Andaaz' kahani par example sahit spasht karein.
मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
नवाब साहब जानते हैं कि उनका समय अब नहीं रहा है। आज़ादी के साथ ही नवाबी और नवाबी के ठाट समाप्त हो गए हैं। ट्रेन में जब लेखक से उनकी मुलाकात होती है, तो वह खीरे को सूंघकर फेंकने का नाटक करते हैं। वह लेखक को यह दर्शाना चाहते हैं कि उनकी नवाबी समाप्त नहीं हुई है। उनकी आन-बान शान अब भी वैसी ही है। लेखक नवाब साहब के इशारे को समझ जाता है और चुप रहता है। मगर इस पाठ के माध्यम से वह ऐसे लोगों को सीख देने का प्रयास करता है, जो कृत्रिमता से भरा जीवन जीते हैं। यह व्यंग्य हैं, ऐसे लोगों पर जो स्वयं को और लोगों को धोखा देते हैं।