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शब्द रचना

शब्द रचना

परिभाषा :- दो या दो से अधिक वर्णों से मिले सार्थक रुप को शब्द कहते हैं; जैसे ज्ञान, क्षमा, कमल आदि।

'ज्ञान' शब्द दो वर्ण ज्ञा और न के योग से बना है जिसका अर्थ जानकारी होता है। यदि इसे हम इस प्रकार लिखें 'नज्ञा' तो इससे इसका सही अर्थ प्रकट नहीं हो रहा है, इसलिए इसे शब्द नहीं कह सकते।

शब्द दो प्रकार के होते हैं -

(1) रुढ़ शब्द

(2) यौगिक शब्द

(1) रुढ़ शब्द :- रुढ़ शब्दों को अन्य सार्थक खंडों में विभाजित नहीं किया जा सकता; जैसे - कैमरा, चश्मा, आइना, पक्षी आदि।

(2) यौगिक शब्द :- यौगिक शब्द, जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है ; वे शब्द जिन्हें विभक्त किया जा सके और उसका सार्थक अर्थ हो, उसे यौगिक शब्द कहते हैं; जैसे -

बाँसुरीवाला बाँसुरी + वाला

विद्यालय विद्या + आलय

सुशील सु + शील

यौगिक शब्द तीन प्रकार के होते हैं -

1) उपसर्ग

2) प्रत्यय

3) समास

उपसर्ग ऐसे शब्द हैं जिनका स्वतंत्र रुप में प्रयोग नहीं होता है क्योंकि अलग से इनका कोई विशेष महत्व नहीं होता है। ये मूल शब्द के शुरु में लगा कर शब्द में विशेषता लाते हैं; जैसे - + धर्म, अप + मान = अपमान

उपसर्ग हिंदी, संस्कृत, उर्दू के तत्सम शब्दों का प्रयोग होता है।

कुछ उदाहरण :-

उपसर्ग

अर्थ

शब्द रुप

नहीं, विपरीत, बिना

अखंड, अनाथ, अचल, अदृश्य

अन

नहीं, अभाव, विपरीत

अनेक, अनाचार, अनपढ़

अति

अधिक, ऊपर

अतिरिक्त, अत्यधिक, अत्याचार…

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