parag shakti kya hota hai?

मित्र कविता में 'पराग' शब्द का उपयोग नहीं किया गया है। आपका अर्थ यहाँ 'साैरभ' शब्द से है। जिस प्रकार साैरभ अर्थात खुशबू, हवा के माध्यम से चारों तरफ फैल जाती है तथा वातावरण को सुगंधित बना देती है। उसी प्रकार भक्त की भक्ति चारों आेर फैलकर लोगों के ह्रदय को निर्मल बना देती है। उन्हें अज्ञानता रुपी अंधकार से निकालकर उजाले की आेर ले जाती है। 

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