Please give answer fast these questions. ..... .. . ...
प्रिय छात्र,
आपके प्रश्न संख्या 1, 2 और 3 का समाधान नीचे दिया जा रहा है ।
1. प्रस्तुत काव्यांश में कवि अपने देश की सुंदरता, बहुमूल्य प्रकृति और मातृभूमि की ओज पर बलिहारी है।
2. हरित पट का अर्थ है - देश में फैले हुए बड़ेेे लंबे चौड़े घास के मैदान और हरियाली।
3. मातृभूमि को ईश्वर का साकार रूप कहा गया हैै क्योंकि इसी मातृभूमि पर बड़े-बड़े ऋषि मुनि जन्म लेकर आए हैं। सूरज और चांद इसके मुकुट के समान हैं। नदियां और पहाड़ इसकी शान हैं। प्रकृति इसका गुणगान करती है।
शेष प्रश्नों के लिए, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप उन्हें अन्य पोस्ट के माध्यम से हमसे पूछ सकते हैं । हम उनका तत्काल उत्तर देंगे ।
धन्यवाद।
आपके प्रश्न संख्या 1, 2 और 3 का समाधान नीचे दिया जा रहा है ।
1. प्रस्तुत काव्यांश में कवि अपने देश की सुंदरता, बहुमूल्य प्रकृति और मातृभूमि की ओज पर बलिहारी है।
2. हरित पट का अर्थ है - देश में फैले हुए बड़ेेे लंबे चौड़े घास के मैदान और हरियाली।
3. मातृभूमि को ईश्वर का साकार रूप कहा गया हैै क्योंकि इसी मातृभूमि पर बड़े-बड़े ऋषि मुनि जन्म लेकर आए हैं। सूरज और चांद इसके मुकुट के समान हैं। नदियां और पहाड़ इसकी शान हैं। प्रकृति इसका गुणगान करती है।
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