निम्नलिखित अपठित गद्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
यह देहाती लक्ष्मी किन-किन रास्तों से भागती है, सो देखो। उन रास्तों को बंद कर दो। तब वह रूकी रहेगी। उसके भागने का पहला रास्ता बाज़ार है। दूसरा शादी-ब्याह, तीसरा साहूकार और चौथा व्यसन। इन चारों रास्तों को बंद करना शुरू करें।
सबसे पहले ब्याह-शादी की बात लीजिए। तुम लोग ब्याह-शादी में कोई कम पैसा खर्च नहीं करते। उसके लिए कर्ज़ भी उठाते हो। लड़की बड़ी हो जाती है, अपनी ससुराल में जाकर गृहस्थी करने लगती है। लेकिन शादी के ऋण से उसके माँ-बाप मुक्त नहीं होते। यह रास्ता कैसे मूँदा जाए? समारोह खूब करो। ठाठ-बाट में कमी नहीं होनी चाहिए। लेकिन मैं अपनी पद्धति से कम खर्च में पहले से भी ज़्यादा ठाठ-बाट तुम्हें देता हूँ। लड़के-लड़की की शादी माँ-बाप ठीक करें। लेकिन वहाँ उनका काम खत्म हो जाना चाहिए। शादी करना, समारोह करना, यह सारा काम गाँव का होगा। माँ-बाप शादी में एक पाई भी खर्च नहीं करेंगे। जो करेंगे उनको जुर्माना होगा, ऐसा कायदा गाँववालों को बना लेना चाहिए। लड़की जितने अपने माँ-बाप की है, उतनी ही समाज की भी है। आपका कर्ज़ घटेगा। झगड़े कम होंगे। सहयोग और आत्मीयता बढ़ेगी।
दूसरा रास्ता बाज़ार का है। तुम देहाती लोग कपास बोते हो। लेकिन सारा का सारा बेच देते हो। फिर बुनाई के वक्त बिनौले शहर से मोल लाते हो। कपास यहाँ पैदा करते हो, उसे बाहर बेचकर बाहर से कपड़ा खरीद लाते हो। गन्ना यहाँ पैदा करते हो, उसे बेचकर शक्कर बाहर से लाते हो। गाँव में मूंगफली, तिल्ली और अलसी होती है, लेकिन तेल शहर की तेल मिल से लाते हो। अब इतना ही बाकी रह गया है कि यहाँ से अनाज भेजकर रोटियाँ बंबई से मंगाओ। तुम्हें तो बैल भी बाहर से लाने पड़ते हैं। इस तरह सारी चीज़ें बाहर से लाओगे तो कैसे पार पाओगे?
बाज़ार में जाना क्यों पड़ता है। जिन चीज़ों की ज़रूरत पड़ती है, उन्हें भरसक गाँव में बनाने का निश्चय करो। स्वराज्य यानी स्वदेश का राज्य। पुराने ज़माने में हमारे गाँव स्वावलंबी थे। उन्हें सच्चा स्वराज्य प्राप्त था। इस रवैये को अपनाओ। फिर देखो, तुम्हारे गाँव कैसे लहलहाते हैं। तुम कहोगे..... यह महँगा पड़ेगा। यह केवल कल्पना है। मैं एक उदाहरण से समझाता हूँ। तेली चार आने ज़्यादा देकर चमार से महँगा जूता खरीदता है। उसकी जेब से आज चार आने गए। आगे चलकर वह चमार तेली से चार आने ज़्यादा देकर तेल खरीदता है। यानी उसके चार आने लौट आते हैं। जहाँ पारस्परिक व्यवहार होता है वहाँ महँगा-जैसा कोई शब्द ही नहीं है। गए हुए पैसे दूसरे रास्ते से लौट आते हैं। मैं उसकी महँगी चीज़ खरीदता हूँ, वह मेरी महँगी चीज़ खरीदता है। हिसाब बराबर। इसमें क्या बिगड़ता है।
देहात में प्रेम होता है, भाईचारा होता है। देहात के लोग अगर एक-दूसरे की ज़रूरतों का ख्याल नहीं करेंगे तो वह देहात ही नहीं है। वह शहर के जैसा हो जाएगा। शहर में कोई किसी को नहीं पूछता। वहाँ मक्खियों के समान जो आदमी भिनभिनाते रहते हैं, चींटियों की नाई जिनका तांता लगा रहता है, वह क्या आपसी प्रेम के लिए? शहर में स्वार्थ और लोभ है। गाँव प्रेम से बनता है।
यथार्थ लक्ष्मी देहात में है। पेड़ों में फल लगते हैं। खेतों में गहूँ होता है, गन्ना होता है। यही सब सच्ची लक्ष्मी है। यह सच्ची लक्ष्मी बेचकर तुम शहर से सस्ती चीज़ें लाते हो। लेकिन सभी ऐसा करने लगें तो देहात वीरान दिखाई देंगे।
तुम्हारे गाँव में चीज़ें न बनती हों, उनके लिए दूसरे गाँव खोजो। तुम्हारी ग्राम-पंचायतों को यह काम अपने ज़िम्मे लेना चाहिए। गाँव के झगड़े-टंटे दूर करने का काम तो पंचायतों का ही है, लेकिन गाँव से कौन-कौन सी चीज़ें बाहर जाती हैं, कौन-कौन सी बाहर से आती हैं, इसका ध्यान भी पंचायत को रखना चाहिए। नाका बनाकर फेहरिस्त बनानी चाहिए। बाद में वे चीज़ें बाहर से क्यों आती हैं, इसकी जाँच-पड़ताल करके उन्हें गाँव में ही बनवाने की कोशिश करनी चाहिए। फिर तुम ही चीज़ों के दाम ठहराओगे। जब सभी एक-दूसरे की चीज़ें खरीदने लगेंगे तो सब सस्ता ही सस्ता होगा। सस्ता और महँगा, ये शब्द ही नहीं रहेंगे।
(i) ग्राम-लक्ष्मी किन रास्तों से ग्राम से बाहर जाती है? (2)
(ii) ग्रामीण लोगों को विवाह पर धन न खर्च करने के लिए कौन-सा उपाय अपनाना चाहिए? (2)
(iii) प्राचीन युग में गाँवों की समृद्धि का क्या कारण था? (2)
(iv) लेखक ने गाँव और शहर में क्या अंतर बताया है? (2)
(v) लेखक ने किसे सच्ची लक्ष्मी की संज्ञा दी है? (2)
(vi) 'व्यसन' तथा 'समारोह' शब्दों का प्रयोग अपने वाक्यों में कीजिए। (2)
VIEW SOLUTIONनिम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
वक्त के साथ
सब कुछ बदल जाता है
जगह, चेहरे, सोच
और रिश्ते।
बेमानी हो जाते हैं शब्द,
चक्रव्यूह से घिर जाती हैं
भीष्म प्रतिज्ञाएं।
वक्त शिल्पी की तरह
दीवारों पर
खुद उकेरता है
इतिहास।
हम सिर्फ देखते हैं
दर्शक की तरह।
और रूपांतर करते हैं
अपनी-अपनी भाषाओं में
रूपांतर-शब्दों के
रूपांतर-प्रतिज्ञाओं के
जगह, चेहरे, सोच
और रिश्तों के।
(i) वक्त के साथ क्या-क्या बदल जाते हैं? (2)
(ii) वक्त को शिल्पी क्यों कहा गया है? (2)
(iii) जो हम देखते हैं, उसे किस प्रकार प्रस्तुत करते हैं? (2)
(iv) रूपांतर किसका किया जाता है? (1)
(v) वक्त के साथ क्या-क्या बेमानी हो जाते हैं? (1)
अथवा
निराशाएँ छाती हैं
मकड़ी के जालों सी
तार-तार
सब अदृश्य जहाँ तहाँ फैलती
जीव है कि बेचारा
होनी के बंधन में सर्प सा मचलता है
स्वर्ण हिरण छलता है
मौसम बदलते हैं
विजयपर्व संग लिए
दिशा-दिशा
उत्सव को घर-घर में बिखराते
आस दीप उज़ियारा
दुख के अंधियारे में जगर मगर जलता है
सुख सुहाग पलता है
सब अनिष्ट टलता है
(i) निराशाएँ किस प्रकार छा जाती हैं? (1)
(ii) जीव किस बन्धन में और क्यों मचलता है? (2)
(iii) मौसम किस प्रकार बदलते हैं? (1)
(iv) आशा का दीपक बनकर उजियारा क्या करता है? (2)
(v) सुख-सुहाग जीवन को किस प्रकार प्रभावित करता है? (2)
VIEW SOLUTIONनिम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबंध लिखो –
(क) प्रधानमंत्री बनने की कल्पना अत्यन्त सुखद है। यदि आप प्रधानमंत्री होते तो अपने देश की उन्नति के लिए आप क्या करते!
(ख) जीवन में कर्म का महत्व अत्यधिक है। आप अपना दिन किस प्रकार व्यतीत करते हैं। आप आलस्य में डूबे रहते हैं या अपना कार्य निश्चित समय पर करते हैं। इन तथ्यों के सन्दर्भ में अपनी दिनचर्या का वर्णन कीजिए।
(ग) पर्वतीय प्रदेश की यात्रा करना कितना अच्छा लगता है। आप पिछली गर्मियों में केदारनाथ गए। वहाँ के सौन्दर्य एवं रास्ते की कठिनाइयों का वर्णन कीजिए। आपको अपनी यह यात्रा कैसी लगी?
VIEW SOLUTIONअपने नगर के विद्युत-प्रदाय संस्थान के महाप्रबंधक को पत्र लिखिए, जिसमें परीक्षा के दिनों में बार-बार बिजली चली जाने के कारण उत्पन्न असुविधा का वर्णन किया गया हो।
अथवा
माताजी की बीमारी पर चिंता व्यक्त करते हुए अपने पिताजी को एक पत्र लिखिए।
VIEW SOLUTIONनिम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त क्रियाओं के भेद बताइए –
(i) माँ ने मुझे दूध पिलाया।
(ii) नानी ने कहानी सुनवाई।
(iii) रीता पत्र लिखती है।
VIEW SOLUTIONनिर्देशानुसार उत्तर दीजिए –
(i) वह बहुत देर ............. रोता रहा। (अव्यय से वाक्यपूर्ति कीजिए)
(ii) हमें अपनी सभ्यता और संस्कृति पर गर्व है। (समुच्चयबोधक शब्द छाँटिए)
(iii) वह धीरे-धीरे चल रहा था। (क्रियाविशेषण छाँटिए तथा उसका भेद लिखिए)
VIEW SOLUTIONनिर्देशानुसार उत्तर लिखिए –
(i) छात्र घर पहुँचे। छात्र टी.वी. देखने लगे। (एक सरल वाक्य में बदलिए)
(ii) रामू आ गया। (प्रश्नवाचक वाक्य बनाइए)
(iii) शाम तक ज़रुर आ जाना। (अर्थ के आधार पर वाक्य-भेद बताइए)
VIEW SOLUTIONकोष्ठक में दिए गए निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए –
(i) लड़की आँगन में सो रही है। (भाववाच्य में)
(ii) महात्मा गाँधी ने अहिंसा का उपदेश दिया। (कर्मवाच्य में)
(iii) मुझसे सहा नहीं जाता। (कर्तृवाच्य में)
VIEW SOLUTION(i) किन्हीं दो पदों का विग्रह कीजिए – (1)
रसोईघर, चौराहा, दिन-रात
(ii) नीचे लिखे किन्हीं दो पदों के समस्त पद बनाइए – (1)
शक्ति के अनुसार, माता और पिता, कमल जैसे नयन
(iii) 'अंबर' शब्द के दो अर्थ स्पष्ट कीजिए। (1)
VIEW SOLUTION
निम्नलिखित में से किसी एक काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(क) हमारे हरि हारिल की लकरी।
मन क्रम वचन नंद नंदन उर यह दृढ़ करि पकरी।
जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि कान्ह कान्ह जक री।
सुनत जोग लागत है ऐसौ ज्यौं करूई ककरी।
सु तौ व्याधि हमकौं ले आए, देखी सुनी न करी।
यह तौ 'सूर' तिनहिं लै सौपौं जिनके मन चाकरी।।
(i) श्री कृष्ण को हारिल की लकरी क्यों कहा गया है? (2)
(ii) गोपियों को योग का नाम सुनते ही कैसा प्रतीत होता है? (2)
(iii) गोपियों के अनुसार किन लोगों के लिए योग साधना उपयुक्त है? (2)
अथवा
(ख) उसकी स्मृति पाथेय बनी है
थके पथिक की पंथा की।
सीवन को उधेड़ कर देखोगे क्यों मेरी कंथा की?
छोटे से जीवन की कैसे बड़ी कथाएँ आज कहूँ?
क्या यह अच्छा नहीं कि औरों की सुनता मैं मौन रहूँ?
सुनकर क्या तुम भला करोगे
मेरी भोली आत्म-कथा?
अभी समय भी नहीं, थकी सोई है मेरी मौन व्यथा।
(i) कवि के लिए किसकी स्मृति पाथेय बनी है? (2)
(ii) 'छोटे से जीवन की बड़ी कथाएँ' कवि के जीवन के किस तथ्य की ओर संकेत करती हैं? (2)
(iii) कवि अपनी आत्मकथा को सुनाने के लिए अनिच्छुक क्यों है? (2)
VIEW SOLUTIONनिम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन का उत्तर दीजिए – (3 + 3 + 3)
(i) गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है?
(ii) कवि देव ने 'श्री ब्रजदूलह' किसके लिए प्रयुक्त किया है और उन्हें संसार रुपी मंदिर का दीपक क्यों कहा है?
(iii) 'आत्मकथा' कविता में 'उज्जवल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की', कथन के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
(iv) 'यह दंतुरित मुसकान' कविता में कवि ने बच्चे की मुसकान के सौंदर्य को किन-किन बिंबों के माध्यम से व्यक्त किया है?
VIEW SOLUTIONनिम्नलिखित काव्यांशों में से किसी एक को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(क) डार द्रुम पलना बिछौना नव पल्लव के,
सुमन झिंगूला सोहै तन छबि भारी दै।
पवन झुलावै, केकी-कीर बतरावैं 'देव',
कोकिल हलावै-हुलसावै कर तारी दै।।
पूरित पराग सों उतारो करै राई नोन,
कंजकली नायिका लतान सिर सारी दै।
मदन महीप जू को बालक बसंत ताहि,
प्रातहि जगावत गुलाब चटकारी दै।।
(i) 'कोकिल हलावै-हुलसावै कर तारी दै' में कौन-सा अलंकार है? (1)
(ii) यह पंक्तियाँ किस भाषा में लिखी गई हैं? (1)
(iii) इन पंक्तियों में किस ऋतु का वर्णन किया गया है? (1)
(iv) यह पंक्तियाँ हिन्दी साहित्य के किस काल से सम्बन्धित हैं? (1)
(v) इन पंक्तियों में किस छन्द का प्रयोग किया गया है? (1)
अथवा
(ख) माँ ने कहा पानी में झाँककर
अपने चेहरे पर मत रीझना
आग रोटियाँ सेंकने के लिए है
जलने के लिए नहीं
वस्त्र और आभूषण शाब्दिक भ्रमों की तरह
बंधन हैं स्त्री जीवन के
माँ ने कहा लड़की होना
पर लड़की जैसी दिखाई मत देना।
(i) इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने क्या संदेश दिया है? (1)
(ii) इन पंक्तियों में स्त्री-जीवन का बन्धन किसे माना गया है? (1)
(iii) यह पंक्तियाँ हिन्दी साहित्य के किस युग से सम्बन्धित हैं? (1)
(iv) यह पंक्तियाँ किस छन्द में लिखी गई हैं? (1)
(v) माँ ने आग के विषय में लड़की से क्या कहा? (1)
VIEW SOLUTIONपाठ्य-पुस्तक के आधार पर निम्नलिखित गद्यांश में से किसी एक को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(क) फ़ादर बुल्के संकल्प से संन्यासी थे। कभी-कभी लगता है, वह मन से संन्यासी नहीं थे। रिश्ता बनाते थे तो तोड़ते नहीं थे। दसियों साल बाद मिलने के बाद भी उसकी गंध महसूस होती थी। वह जब भी दिल्ली आते ज़रूर मिलते – खोजकर, समय निकालकर, गर्मी, सर्दी, बरसात झेलकर मिलते, चाहे दो मिनट के लिए ही सही। यह कौन संन्यासी करता है? उनकी चिंता हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में देखने की थी। हर मंच से इसकी तकलीफ़ बयान करते, इसके लिए अकाट्य तर्क देते। बस इसी एक सवाल पर उन्हें झुंझलाते देखा है और हिन्दी वालों द्वारा ही हिन्दी की उपेक्षा पर दुख करते उन्हें पाया है। घर-परिवार के बारे में, निजी दुख-तकलीफ़ के बारे में पूछना उनका स्वभाव था और बड़े से बड़े दुख में उनके मुख से सांत्वना के जादू भरे दो शब्द सुनना एक ऐसी रोशनी से भर देता था जो किसी गहरी तपस्या से जनमती है। 'हर मौत दिखाती है जीवन को नई राह।' मुझे अपनी पत्नी और पुत्र की मृत्यु याद आ रही है और फ़ादर के शब्दों से झरती विरल शांति भी।
(i) लेखक फ़ादर बुल्के को मन से संन्यासी क्यों नहीं मानता? (2)
(ii) फ़ादर बुल्के हिन्दी भाषा की उपेक्षा पर दुख क्यों व्यक्त करते थे? (2)
(iii) दुख की स्थिति में फ़ादर बुल्के से सांत्वना के शब्द सुनकर कैसा लगता था? (2)
अथवा
(ख) अत्रि की पत्नी पत्नी-धर्म पर व्याख्यान देते समय घंटों पांडित्य प्रकट करे, गार्गी बड़े-बड़े ब्रह्रावादियों को हरा दे, मंडन मिश्र की सहधर्मचारिणी शंकराचार्य के छक्के छुड़ा दे! गज़ब! इससे अधिक भयंकर बात और क्या हो सकेगी! यह सब पापी पढ़ने का अपराध है। न वे पढ़तीं, न वे पूजनीय पुरूषों का मुकाबला करतीं। यह सारा दुराचार स्त्रियों को पढ़ाने ही का कुफल है। स्त्रियों के लिए पढ़ना कालकूट और पूरूषों के लिए पीयूष का घूंट! ऐसी ही दलीलों और दृष्टांतों के आधार पर कुछ लोग स्त्रियों को अनपढ़ रखकर भारतवर्ष का गौरव बढ़ाना चाहते हैं।
(i) लेखक ने अत्रि की पत्नी, गार्गी तथा मंडन मिश्र की पत्नी के विषय में क्या बताया है? (2)
(ii) लेखक ने स्त्री-शिक्षा के पक्ष में क्या तर्क दिए हैं? (2)
(iii) स्त्री-शिक्षा के विरोधी अपने पक्ष में क्या तर्क देते हैं? (2)
VIEW SOLUTIONनिम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए – (3 + 3 + 3)
(i) सेनानी न होते हुए भी चश्मे वाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?
(ii) 'एक कहानी यह भी' रचना के आधार पर लेखिका की अपने पिता से वैचारिक टकराहट को अपने शब्दों में लिखिए।
(iii) 'बालगोबिन भगत' की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण क्यों थी?
(iv) 'स्त्रियों की पढ़ाई से अनर्थ होते हैं' कुतर्कवादियों की इस दलील का खंडन द्विवेदी जी ने कैसे किया है? अपने शब्दों में लिखिए।
VIEW SOLUTION(i) बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगल ध्वनि का नायक क्यों कहा गया है? (3)
(ii) वास्तविक अर्थों में 'संस्कृत व्यक्ति' किसे कहा जा सकता है? (2)
VIEW SOLUTION'साना साना हाथ जोड़ि' रचना के आधार पर बताइए कि प्राकृतिक सौंदर्य के अलौकिक आनंद में डूबी लेखिका को कौन-कौन से दृश्य झकझोर गए?
अथवा
भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों भूल जाता है?
VIEW SOLUTION
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए – (2 + 2 + 2)
(i) दुलारी का टुन्नू से पहली बार परिचय कहाँ और किस रुप में हुआ?
(ii) ''नयी दिल्ली में सब था ..... सिर्फ नाक नहीं थी।" इस कथन के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?
(iii) कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है?
(iv) कठोर हृदय समझी जाने वाली दुलारी टुन्नू की मृत्यु पर क्यों विचलित हो उठी?
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