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Board Paper of Class 10 2009 Hindi (SET 3) - Solutions

(i) इस प्रश्न-पत्र के चार खण्ड हैं क, ख, ग और घ।
(ii) चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खण्ड के उत्तर क्रमश: दीजिए।


  • Question 1

    निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

    संसार के सभी देशों में शिक्षित व्यक्ति की सबसे पहली पहचान यह होती है कि वह अपनी मातृभाषा में दक्षता से काम कर सकता है। केवल भारत ही एक देश है जिसमें शिक्षित व्यक्ति वह समझा जाता है जो अपनी मातृभाषा में दक्ष हो या नहीं, किंतु अंग्रेज़ी में जिसकी दक्षता असंदिग्ध हो। संसार के अन्य देशों में सुसंस्कृत व्यक्ति वह समझा जाता है जिसके घर में अपनी भाषा की पुस्तकों का संग्रह हो और जिसे बराबर यह पता रहे कि उसकी भाषा के अच्छे लेखक और कवि कौन हैं तथा समय-समय पर उनकी कौन-सी कृतियाँ प्रकाशित हो रही हैं। भारत में स्थिति दूसरी है। यहाँ प्राय: घर में साज-सज्जा के आधुनिक उपकरण तो होते हैं किन्तु अपनी भाषा की कोई पुस्तक या पत्रिका दिखाई नहीं पड़ती। यह दुरवस्था भले ही किसी ऐतिहासिक प्रक्रिया का परिणाम है, किंतु वह सुदशा नहीं, दुरवस्था ही है और जब तक यह दुरवस्था कायम है, हमें अपने-आप को, सही अर्थों में शिक्षित और सुसंस्कृत मानने का ठीक-ठीक न्यायसंगत अधिकार नहीं है।

    इस दुरवस्था का एक भयानक दुष्परिणाम यह है कि भारतीय भाषाओं के समकालीन साहित्य पर उन लोगों की दृष्टि नहीं पड़ती जो विश्वविद्यालयों के प्राय: सर्वोत्तम छात्र थे और अब शासन-तंत्र में ऊँचे ओहदों पर काम कर रहे हैं। इस दृष्टि से भारतीय भाषाओं के लेखक केवल यूरोपीय और अमेरिकी लेखकों से ही हीन नहीं है, बल्कि उनकी किस्मत मिस्र, बर्मा, इंडोनेशिया, चीन और जापान के लेखकों की किस्मत से भी ख़राब है क्योंकि इन सभी देशों के लेखकों की कृतियाँ वहाँ के अत्यन्त सुशिक्षित लोग भी पढ़ते हैं। केवल हम ही हैं जिनकी पुस्तकों पर यहाँ के तथाकथित शिक्षित समुदाय की दृष्टि प्राय: नहीं पड़ती। हमारा तथाकथित उच्च शिक्षित समुदाय जो कुछ पढ़ना चाहता है, उसे अंग्रेज़ी में ही पढ़ लेता है, यहाँ तक कि उसकी कविता और उपन्यास पढ़ने की तृष्णा भी अंग्रेज़ी की कविता और उपन्यास पढ़कर ही समाप्त हो जाती है और उसे यह जानने की इच्छा ही नहीं होती कि शरीर से वह जिस समाज का सदस्य है उसके मनोभाव उपन्यास और काव्य में किस अदा से व्यक्त हो रहे हैं।

    (i) भारत में शिक्षित व्यक्ति की क्या पहचान है? (1)

    (ii) भारत तथा अन्य देशों के सुशिक्षित व्यक्ति में मूल अन्तर क्या है? (2)

    (iii) 'यह दुरवस्था ऐतिहासिक प्रक्रिया का परिणाम है' कथन से लेखक का क्या अभिप्राय है? (2)

    (iv) भारतीय भाषाओं के साहित्य के प्रति समाज के किस वर्ग में अरुचि की भावना है? (1)

    (v) भारतीय शिक्षित समुदाय प्राय: किस भाषा का साहित्य पढ़ना पसंद करता है? उनके लिए'तथाकथित' विशेषण का प्रयोग क्यों किया गया है? (2)

    (vi) इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए। (1)

    (vii) निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी बताइए – (1)

    संसार, दक्षता

    (viii) 'उच्चवर्गीय' तथा 'शिक्षित' शब्दों के प्रत्यय अलग कीजिए। (1)

    (ix) निम्नलिखित शब्दों के विपरीतार्थी बताइए – (1)

    आधुनिक, अच्छे

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  • Question 2

    निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
    मन-दीपक निष्कम्प जलो रे!!
    सागर की उत्ताल तरंगे,
    आसमान को छू-छू जाएँ
    डोल उठे डगमग भूमंडल
    अग्निमुखी ज्वाला बरसाए
    धूमकेतु बिजली की द्युति से,
    धरती का अन्तर हिल जाए
    फिर भी तुम ज़हरीले फन को
    कालजयी बन उसे दलो रे।
    क़दम-क़दम पर पत्थर, काँटे
    पैरों को छलनी कर जाएँ
    श्रान्त-क्लान्त करने को आतुर
    क्षण-क्षण में जग की बाधाएँ
    मरण-गीत आकर गा जाएँ
    दिवस-रात आपत-विपदाएँ।
    फिर भी तुम हिमपात-तपन में
    बिना आह चुपचाप चलो रे।
    कालकूट जितना हो पी लो।
    दर्द, दंश दाहों को जी लो
    जीवन की जर्जर चादर को
    अटल नेह साहस से सी लो
    आज रात है तो कल निश्चय
    अरुण हँसेगा, ख़ुशियाँ ले लो
    आकुल पाषाणी अन्तर से
    निर्झर-सा अविराम ढलो रे!
    जन-हिताय दिन-रात गलो रे!

    (i) कवि ने किन बाधाओं को ज़हरीले फन के रुप में कल्पित किया है? वह किनको कालजयी बनकर कुचलने के लिए कह रहा है?

    (ii) 'हिमपात-तपन' से कवि का क्या अभिप्राय है? वह जीवन की किन रुकावटों की परवाह किए बिना आगे चलने के लिए कह रहा है?

    (iii) जीवन में अटल नेह और साहस की क्या आवश्यकता है?

    (iv) आशय स्पष्ट कीजिए :
    निर्झर-सा अविराम ढलो रे!
    जन-हिताय दिन-रात गलो रे!

    अथवा

    माटी, तुझे प्रणाम!
    मेरे पुण्यदेश की माटी, तू कितनी अभिराम!
    तुझे लगा माथे से सारे कष्ट हो गए दूर,
    क्षण-भर में ही भूल गया मैं शत्रु-यंत्रणा क्रूर,
    सुख-स्फूर्ति का इस काया में हुआ पुन: संचार-
    लगता जैसे आज युगों के बाद मिला विश्राम!
    माटी तुझे प्रणाम!
    तुझसे बिछुड़ मिला प्राणों को कभी न पल-भर चैन,
    तेरे दर्शन हेतु रात-दिन तरस रहे थे नैन,
    धन्य हुआ तेरे चरणों मे आकर यह अस्तित्व-
    हुई साधना सफल, भक्त को प्राप्त हो गए राम!
    माटी, तुझे प्रणाम!
    अमर मृत्तिके! लगती तू पारस से बढ़ कर आज,
    कारा-जड़ जीवन सचेत फिर, तुझ को छू कर आज,
    मरणशील हम, किन्तु अमर तू, है अमर्त्य यह धाम-
    हम मर-मर कर अमर करेंगे तेरा उज्जवल नाम!

    (i) कवि किसे प्रणाम कर रहा है? उसे 'पुण्य देश की' क्यों कहा है?

    (ii) मातृभूमि को प्रणाम करने के बाद कैसी अनुभूति होती है?

    (iii) माटी से बिछुड़ने तथा मिलने पर कवि को कैसा अनुभव हुआ?

    (iv) अमर मृत्तिके! लगती तू पारस से बढ़ कर आज, - इस पंक्ति में किस भाव को व्यक्त किया गया है?

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  • Question 3

    निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिए –

    (क) कल्पना कीजिए आप पराधीन भारत के उस समय के नवयुवक हैं जब शासक-वर्ग द्वारा देश की स्वतंत्रता के लिए आंदोलनकारी नवयुवकों पर तरह-तरह के अत्याचार ढाए जा रहे थे। अपने काल्पनिक अनुभवों का उल्लेख करते हुए बताइए कि ऐसी स्थिति में देश की आज़ादी के लिए आपकी भूमिका क्या होती?

    (ख) आपने बहुत सी पुस्तकें पढ़ी हैं। उनमें किसने सर्वाधिक प्रभावित किया? वह पुस्तक गद्य में थी या पद्य में? उसकी विषय-वस्तु समाज, राजनीति या धर्म में से किससे सम्बन्धित थी? उस पुस्तक की कौन-सी बात आपको रुचिकर लगी? अपने शब्दों में प्रस्तुत कीजिए?

    (ग) आपके नगर/कॉलोनी के निकट हुई एक बस-दुर्घटना में बहुत से यात्री हताहत एवं घायल हो गए। नगरवासियों ने किन-किन रुपों में राहत-कार्य में सहयोग दिया? उसमें आपकी क्या भूमिका रही?

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  • Question 4

    आप विद्यालय की 'साहित्य-परिषद्' के सचिव की हैसियत से अपने विद्यालय में एक अन्तर्विद्यालय युवा कवि-सम्मेलन कराना चाहते हैं। इस आयोजन के लिए आपको विद्यालय की ओर से क्या-क्या सुविधाएँ चाहिएँ, उनका उल्लेख करते हुए अपने प्रधानाचार्य को एक पत्र लिखिए।  

    अथवा

    अंतर्विद्यालय वाद-विवाद-प्रतियोगिता में आपने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है। अपनी इस उल्लेखनीय उपलब्धि का समस्त विवरण अपने मित्र को लिखे पत्र में प्रस्तुत कीजिए।

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  • Question 5

    (क) क्रियापद छाँटकर उनके भेद भी लिखिए – (2)

    (i) यह क्यों रो रहा है?

    (ii) वह अपनी करुण कहानी सुना रहा है।

     

    (ख) दो अव्यय पद पहचानकर उनके भेद भी लिखिए – (2)

    (i) ज्ञान के बिना उसकी भक्ति बेकार है।

    (ii) वाह! अनुभव बिन्द्रा ने तो कमाल कर दिया!

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  • Question 6

    रेखांकित पदों का व्याकरणिक परिचय दीजिए –

    तमिल बहुत प्राचीन भाषा है।

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  • Question 7

    निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार बदलिए –

    (i) यह विद्वान है। तुम नितांत मूर्ख हो। (संयुक्त वाक्य में)

    (ii) वह उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विदेश गया। (मिश्र वाक्य में)

    (iii) भगत सिंह, जो एक क्रान्तिकारी देशभक्त था, स्वतंत्रता की वेदी पर बलि हो गया। (सरल वाक्य में)

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  • Question 8

    निर्देशानुसार वाच्य बदलिए –

    (i) मैं सो नहीं सकता हूँ। (भाववाच्य में)

    (ii) तुम्हें यहाँ किसने भेजा है? (कर्मवाच्य में)

    (iii) विद्वानों द्वारा जो कहा जाता है उसको सुना जाए। (कर्तृवाच्य में)

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  • Question 9

    निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकारों का नामोल्लेख कीजिए –

    (i) कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय।

    (ii) दुख हैं जीवनतरु के फूल।

    (iii) सूर समर करनी करहिं।

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  • Question 10

    निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

    फटिक सिलानि सौं सुधार्यो सुधा मन्दिर,

    उदधि दधि को सो अधिकाइ उमगे अमंद।

    बाहर ते भीतर लौं भीति न दिखैए 'देव',

    दूध को सो फेन फैल्यो आंगन फरसबंद।

    तारा सी तरुनि तामें ठाढ़ी झिलमिली होति,

    मोतिन की जोति मिल्यो मल्लिका को मकरंद।

    आरसी से अंबर में आभा सी उजारी लगै,

    प्यारी राधिका को प्रतिबिंब सो लगत चंद।।

    (i) सुधा मंदिर किस प्रकार की शिलाओं से बना हुआ है? वह किसकी तरह प्रतीत हो रहा है?

    (ii) सुधा मंदिर के आंगन और वहाँ खड़ी सुंदरी के बारे में क्या कल्पना की गई है?

    (iii) 'आरसी से अंबर में आभा सी उजारी लगै,

    प्यारी राधिका को प्रतिबिंब सो लगत चंद।।"

    काव्य-पंक्तियों का आशय समझाइए।

    अथवा

    कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ

    यह बताने के लिए कि वह अकेला नहीं है

    और यह कि फिर से गाया जा सकता है

    गाया जा चुका राग

    और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है।

    या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है

    उसे विफलता नहीं

    उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

    (i) संगतकार मुख्य गायक की सहायता कैसे करता है?

    (ii) संगतकार की आवाज़ में हिचक क्यों होती है? वह अपने स्वर को ऊँचा क्यों नहीं उठाता है?

    (iii) संगतकार की मनुष्यता के स्वरुप को अपने शब्दों में समझाइए।

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  • Question 11

    निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन के उत्तर दीजिए –

    (क) कवि ने 'छाया मत छूना' कविता में कठिन यथार्थ के पूजन की बात क्यों कही है?

    (ख) गोपिकाओं ने अपने वाक्चातुर्य के आधार पर ज्ञानी उद्धव को परास्त कर दिया। पाठ्य-पुस्तक के पदों के आधार पर उनके वाक्चातुर्य की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

    (ग) कवि ने 'फ़सल' कविता में फ़सल को हाथों के स्पर्श की महिमा क्यों कहा है?

    (घ) आपने अपनी पाठ्य-पुस्तक में 'कन्यादान' कविता पढ़ी है। कन्या के साथ दान की बात करना आपकी दृष्टि में कहाँ तक तर्कसंगत है? पक्ष या विपक्ष में तर्क दीजिए।

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  • Question 12

    निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

    लखन उतर आहुति सरिस भृगुबरकोपु कृसानु।

    बढ़त देखि जल सम बचन बोले रघुकुलभानु।।

    (i) काव्यांश की भाषा कौन-सी है?

    (ii) काव्यांश में कौन-से छन्द का प्रयोग हुआ है?

    (iii) उपमा अलंकार का एक उदाहरण छाँटकर लिखिए।

    (iv) 'रघुकुलभानु' में कौन-सा अलंकार है?

    (v) राम की वाणी के लिए प्रयुक्त उपमा का सौंदर्य समझाइए।
     

    अथवा

    तुम्हारी यह दंतुरित मुसकान

    मृतक में भी डाल देगी जान

    धूलि-धूसर तुम्हारे ये गात ...

    छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात

    परस पाकर तुम्हारा ही प्राण,

    पिघलकर जल बन गया होगा, कठिन पाषाण।

    (i) मुसकान के लिए 'दंतुरित' विशेषण का सौंदर्य समझाइए?

    (ii) अनुप्रास अलंकार का एक उदाहरण पहचानकर लिखिए।

    (iii) धूलि-धूसर शिशु के झोंपड़ी में आने पर कवि की कल्पना की विशेषता समझाइए।

    (iv) भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए :

    पारस पाकर तुम्हारा ही प्राण,

    पिघलकर जल बन गया होगा कठिन पाषाण।

    (v) काव्यांश की भाषा की विशेषता बताइए।

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  • Question 13

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

    फ़ादर को ज़हरबाद से नहीं मरना चाहिए था। जिसकी रगों में दूसरों के लिए मिठास भरे अमृत के अतिरिक्त और कुछ नहीं था उसके लिए इस ज़हर का विधान क्यों हो? यह सवाल किस ईश्वर से पूछें? प्रभु की आस्था ही जिसका अस्तित्व था, वह देह की इस यातना की परीक्षा उम्र की आख़िरी देहरी पर क्यों दे?

    (i) लेखक ऐसा क्यों कहता है कि फ़ादर को ज़हरबाद से नहीं मरना चाहिए था?

    (ii) 'प्रभु की आस्था ही जिसका अस्तित्व था' वाक्य से फ़ादर के व्यक्तित्व की किस विशेषता का परिचय प्राप्त होता है?

    (iii) 'उम्र की आख़िरी देहरी' कथन से लेखक का क्या अभिप्राय है?


    अथवा


    अपने ऊहापोहों से बचने के लिए हम स्वयं किसी शरण, किसी गुफा को खोजते हैं जहाँ अपनी दुश्चिन्ताओं, दुर्बलताओं को छोड़ सकें और वहाँ से फिर अपने लिए एक नया तिल्सिम गढ़ सकें। हिरन अपनी ही महक से परेशान पूरे जंगल में उस वरदान को खोजता है जिसकी गमक उसी में समाई है। अस्सी बरस से बिस्मिल्ला खाँ यही सोचते आए हैं कि सातों सुरों को बरतने की तमीज़ उन्हें सलीक़े से अभी तक क्यों नहीं आई।

    (i) 'ऊहापोह' शब्द का क्या अभिप्राय है? इन्सान ऊहापोहों से बचने के लिए क्या-क्या करता है?

    (ii) 'हिरन किस वरदान की तलाश में जंगल में मारा-मारा फिरता है? अंत में क्या वह उसको प्राप्त कर पाता है?

    (iii) इस गद्यांश के अंतिम वाक्य के आधार पर बिस्मिल्ला खाँ के व्यक्तित्व की विशेषता स्पष्ट कीजिए।

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  • Question 14

    निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन के उत्तर दीजिए –

    (क) स्त्री-शिक्षा के विरोधी तर्कों का खंडन करते हुए द्विवेदी जी ने उसके समर्थन में क्या-क्या बातें कहीं? किन्हीं तीन का उल्लेख कीजिए।

    (ख) 'संस्कृति' पाठ के लेखक ने किन उदाहरणों के आधार पर 'संस्कृति' और 'सभ्यता' के स्वरुप को स्पष्ट किया है? किन्हीं तीन का उल्लेख कीजिए।

    (ग) 'एक कहानी यह भी' पाठ की लेखिका के व्यक्तित्व को बनाने में किन-किन व्यक्तियों का योगदान किस रुप में रहा?

    (घ) 'लखनवी अंदाज़' पाठ में खीरा खाने की तैयारी करने का एक चित्र प्रस्तुत किया गया है। किसी प्रिय खाद्य पदार्थ का रसास्वादन करने के लिए आप जो तैयारी करते हैं, उसका चित्र अपने शब्दों में प्रस्तुत कीजिए।

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  • Question 15

    (क) 'बालगोबिन भगत' पाठ में चित्रित भगत गृहस्थ होकर भी हर दृष्टि से साधु थे। क्या साधु की पहचान माला, तिलक तथा गेरुए वस्त्रों से होती है या उसके आचार-विचार से? इस विषय में अपने विचार प्रस्तुत कीजिए। (3)

    (ख) 'नेताजी का चश्मा' पाठ के आधार पर बताइए कि किसी नगर के चौराहे पर प्रसिद्ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य होते हैं? (2)

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  • Question 16

    निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए –

    (क) 'साना साना हाथ जोड़ि...' पाठ के आधार पर बताइए कि जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम की प्रकृति, वहाँ की भौगोलिक स्थिति एवं जनजीवन के बारे में क्या महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ दीं?

    (ख) सरकारी तंत्र में जॉर्ज पंचम की नाक को लेकर जो चिंता या बदहवासी दिखाई देती है वह उनकी किस मानसिकता को दर्शाती है? विस्तार से समझाइए।

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  • Question 17

    निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन के उत्तर दीजिए –

    (क) 'एही ठैयाँ झुलनी हेरानी हो रामा' पाठ के आधार पर बताइए कि कठोर हृदया समझी जाने वाली दुलारी टुन्नू की मृत्यु पर विचलित क्यों हो उठी?

    (ख) 'मैं क्यों लिखता हूँ' पाठ को आधार बनाकर लिखिए-लेखक ने अपने-आप को हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और किस तरह महसूस किया।

    (ग) 'माता का अँचल' पाठ में चित्रित ग्राम्य संस्कृति से आज की ग्रामीण संस्कृति की क्या भिन्नता है?

    (घ) 'साना साना हाथ जोड़ि....' पाठ को दृष्टि में रखकर बताइए कि प्रकृति ने जल संचय की व्यवस्था किस प्रकार की है?

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