Board Paper of Class 10 2011 Hindi (SET 2) - Solutions
(ii) चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खण्ड के उत्तर क्रमश: दीजिए।
- Question 1
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उस पर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तरों वाले विकल्प चुनकर लिखिए:
शहरी जीवन में समस्याएँ आए दिन पैदा होती रहती हैं जिनका शीघ्र समाधान न ढूँढ़ा जाए तो समाज में असुरक्षा तथा अन्याय-अनाचार की भावना प्रबल होती जाएगी। अत: पारिवारिक अदालतों की स्थापना का निर्णय अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है। इन अदालतों के सूझ-बूझ भरे फ़ैसले किसी भी टूटते हुए परिवार की शांति को नया जीवन प्रदान कर सकते हैं। इन अदालतों के मामले-मुक़दमे तूल पकड़ने के पहले ही सुलझा दिए जाएँगे। आपसी विचार-विमर्श और समझौते का भाव प्रबल हो सकेगा तथा कानूनी दाँव-पेंचों की दुर्दशा से परिवारों की रक्षा हो सकेगी। न्यायालय के बढ़ते हुए ख़र्च से भी लोग राहत पा सकेंगे, साथ ही सरकारी न्यायालयों पर काम का बोझ कम हो सकेगा और आम जनता को समय पर न्याय मिल सकेगा।
पारिवारिक अदालतें विश्व के अनेक देशों में अच्छा काम कर रही हैं। ब्रिटेन, जापान, आस्ट्रेलिया आदि देशों में इन अदालतों ने समाज को काफ़ी लाभ पहुँचाया है। भारत में अभी इनकी शुरूआत हुई है तथा इनकी सफलता के प्रति काफ़ी आशाएँ हैं। भारत में पारिवारिक अदालतों की नितांत आवश्यकता है, क्योंकि इस देश की बहुसंख्यक जनता अशिक्षित, निर्धन तथा समस्याओं से ग्रस्त है।
(i) समाज में असुरक्षा, अन्याय, अनाचार के बढ़ने के कारण हैं
(क) अशिक्षा और निर्धनता
(ख) ऊँच-नीच का भेदभाव
(ग) आए दिन पैदा होने वाली समस्याएँ
(घ) धनी और ताकतवर लोगों का प्रभाव
(ii) पारिवारिक अदालतों के बारे में सच नहीं है
(क) इनके फ़ैसलों में अधिक समय नहीं लगता
(ख) इनके मामले परिवार में ही निबटा दिए जाते हैं
(ग) इनमें धन का व्यय कम होता है
(घ) इनके फ़ैसले टूटते परिवारों को जोड़ सकते हैं
(iii) इन अदालतों से कौन-सा भाव प्रबल हो सकेगा?
(क) आपसी विचार-विमर्श और समझौते का
(ख) कानूनी दाँव-पेंच का
(ग) सरकारी न्यायालयों पर काम के दबाव का
(घ) जनता की सहनशीलता का
(iv) 'तूल पकड़ना' मुहावरे का अर्थ है
(क) बात फैल जाना
(ख) बात बन जाना
(ग) बात बिगड़ जाना
(घ) बात बढ़ जाना
(v) भारत में पारिवारिक अदालतों की नितांत आवश्यकता है क्योंकि
(क) अन्य न्यायालयों में काम कम होता है
(ख) समाज में समस्याएँ बहुत हैं
(ग) न्यायालयों में कानूनी दाँव-पेंच अधिक हैं
(घ) जनता अशिक्षित, निर्धन और समस्याग्रस्त है
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- Question 2
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उस पर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तरों वाले विकल्प चुनकर लिखिए:
सामान्य पत्र-पत्रिकाओं से विद्यालय-पत्रिका की रूपरेखा कुछ भिन्न होती है। इसमें प्रकाशित होने वाली सामग्री की रचना मुख्यत: विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा ही की जाती है। अध्यापकों की कुछ रचनाएँ भी होती हैं। सम्पादक-मंडल द्वारा सम्पादकीय में पत्रिका के उद्देश्य तथा सामग्री से सम्बन्धित विशिष्टताओं पर प्रकाश डाला जाता है। प्रबंध-समिति के सचिव अथवा प्रधानाचार्य की ओर से अपने प्रकाशित वक्तव्य में विद्यालय की ऐतिहासिक पृष्टभूमि के संदर्भ में वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला जाता है। इसी लेख में भावी योजनाओं तथा, आवश्यकता हुई तो, अपनी सीमाओं की चर्चा करते हुए जन-सहयोग की कामना प्रकट
की जाती है। प्रधानाचार्य अपने लेख में विद्यालय की शिक्षागत विशिष्टताओं की चर्चा करते हुए जहाँ एक ओर अध्यापक-बंधुओं तथा छात्रों के प्रति प्रेरणाप्रद शुभकामनाएँ व्यक्त करते हैं, वहीं दूसरी ओर विद्यालय के अभिभावकों, हितौषियों तथा स्थानीय जनों के सहयोगार्थ उनके प्रति आभार ज्ञापित करते हैं। पत्रिका के अन्य स्तंभों में विभिन्न विषयों पर लेख, संस्मरण, रिपोर्ताज, कहानियाँ, कविताएँ, एकांकी नाटक, लघु कथाएँ, हास्य-व्यंग्य भरे चुटकुले, सूक्तियाँ तथा शिक्षा-जगत् के विशिष्ट समाचार एवं सूचनाएँ प्रकाशित की जाती है। विद्यालय की उपलब्धियों पर सचित्र लेख भी छापे जाते हैं।
(i) विद्यालय-पत्रिका की सामग्री अन्य पत्र-पत्रिकाओं से भिन्न होती है, क्योंकि
(क) प्राचार्य द्वारा रचित होती है
(ख) प्राचार्य और अध्यापकों द्वारा रचित होती है
(ग) छात्र-छात्राओं द्वारा रचित होती है
(घ) अध्यापकों की होती है
(ii) विद्यालय-पत्रिका की सामग्री का विषय नहीं होगा
(क) शिक्षा-जगत् के समाचार
(ख) विद्यालय की उपलब्धियाँ
(ग) शेयरों का उतार-चढ़ाव
(घ) साहित्यिक रचनाएँ
(iii) प्रधानाचार्य अपने लेख में चर्चा करते हैं
(क) प्रबंध-समिति के कार्यों की
(ख) अध्यापकों की कमियों की
(ग) विद्यार्थियों और अभिभावकों की
(घ) शिक्षागत विशिष्टताओं की
(iv) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक होगा
(क) वार्षिक पत्रिका
(ख) वार्षिक प्रगति-पत्रिका
(ग) विद्यालय का सूचना-पत्र
(घ) विद्यालय-पत्रिका
(v) 'अपनी सीमाओं की चर्चा करते हुए' –यहाँ 'सीमाओं' का तात्पर्य है
(क) देश की भौगोलिक सीमाएँ
(ख) विद्यालय के चारों ओर की सीमाएँ
(ग) विद्यालय की साधन-सुविधाओं की सीमाएँ
(घ) सरकारी नियम-कानूनों की सीमाएँ
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- Question 3
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर उस पर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तरों वाले विकल्प चुनकर लिखिए:
समय के सभी साथ जीवन बदलते,
समय को बदलता हुआ तू चला चल।
कि भर आत्मविश्वास हर साँस में तू
उषा के लिए हास भर आस में तू
उड़ा दे सभी त्रास उच्छ्वास में तू
बदल दे नरक के सभी दृश्य पल में
बना दे अमृत विश्व का सब हलाहल।
निराशा तिमिर में रुका ही नहीं तू
न तूफ़ान में भी झूका है कभी तू
जगत्-चित्र की तूलिका है सही तू
तुझे विश्व मदिरा पिलाए भला क्या
स्वयं विश्व को प्राण दे औ' जिया चल
निशा में तुझे चाँद ने पथ दिखाया
प्रलय-मेघ ने बिजलियों को बुलाया
थके प्राण को सिंह का स्वर पिलाया
धरा ने बिछा दिल, नगों ने उठा सिर
बनाया तुझे, तू नया जग बना, चल।(i) कविता किसे संबोधित है?
(क) भारतीय युवा को
(ख) मज़दूर को
(ग) आँधी-तूफ़ान को
(घ) संपूर्ण विश्व को(ii) भारतीय वीरों को कैसे आगे बढ़ने को कहा गया है?
(क) समय-असमय की चिंता न करते हुए
(ख) समय पर काम करते हुए
(ग) समय के साथ चलते हुए
(घ) समय को बदलते हुए(iii) 'उड़ा दे सभी त्रास उच्छ्वास में तू' – पंक्ति में आग्रह है
(क) कष्टों को भूल जाने का
(ख) परेशानियों को दूर करने का
(ग) निडरता का
(घ) डराने का(iv) प्राकृतिक शक्तियों ने भारतीय वीर का निर्माण किया है, इसलिए उसे
(क) नए विश्व का निर्माण करना चाहिए
(ख) आत्मविश्वास से भर जाना चाहिए
(ग) प्रकृति का धन्यवाद करना चाहिए
(घ) विष को अमृत बना देना चाहिए(v) काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक होगा
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(क) युवक
(ख) उत्साही वीर
(ग) वीर सेनानी
(घ) आत्मविश्वासी
- Question 4
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर उस पर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तरों वाले विकल्प चुनकर लिखिए:
दृढ़ निश्चय की हुई घोषणा, गूँज उठा जिससे जग सारा,
है स्वतंत्र सब भारतवासी, भारतवर्ष स्वतंत्र हमारा।
किसके आगे हाथ पसारें, कौन हमें है देने वाला,
अपनी छिनी हुई आज़ादी भारत ख़ुद ही लेने वाला
हमने निज अधिकार-प्राप्ति के प्रण से पशु-बल को ललकारा।
नर-नारी, बच्चे-बच्चे ने समझा, वह आज़ाद हुआ है
मुक्ति-भावना से घर-घर में एक नया आह्लाद हुआ है,
मिलने को स्वतंत्र देशों में हुआ उठ खड़ा भारत प्यारा।
दृढ़ निश्चय के साथ हमारे हाथों में अब आज़ादी है
टूटे बंधन, मिटी ग़ुलामी, ख़त्म समझ लो बरबादी है
नई जिंदगी, नया वतन अब, नए विचारों की है धारा।
है स्वतंत्र सब भारतवासी भारतवर्ष स्वतंत्र हमारा।।(i) 'पशुबल को ललकारा' कथन का क्या तात्पर्य है?
(क) पशुओं को चुनौती दी
(ख) अंग्रेजों को चुनौती दी
(ग) अहिंसा का सहारा लिया
(घ) पराधीनता को हटाया
(ii) संसार में गूँजने वाली घोषणा थी(क) प्रण से पशुबल को ललकारा
(ख) भारतवर्ष स्वतंत्र हमारा
(ग) नए विचारों की है धारा
(घ) हुआ उठ खड़ा भारत प्यारा
(iii) मुक्ति-भावना से तात्पर्य है
(क) पराधीनता से मुक्ति
(ख) उत्तरदायित्वों से मुक्ति
(ग) अधिकारों से मुक्ति
(घ) संसार से मुक्ति
(iv) नए विचारों की धारा कब से बह रही है?
(क) नई ज़िंदगी मिलने पर
(ख) देश के विभाजन के बाद
(ग) बंधन टूटने के बाद
(घ) आज़ादी मिलने के बाद
(v) कविता का उपयुक्त शीर्षक होगा
(क) हमारी आवाज़
(ख) देश की घोषणा
(ग) पशुबल को चुनौती
(घ) स्वतंत्रता का गीत
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- Question 13
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
व्यवहारवादी लोग हमेशा सजग रहते है। लाभ-हानि का हिसाब लगाकर ही क़दम उठाते है। वे जीवन में सफल होते हैं, अन्यों से आगे भी जाते हैं पर क्या वे ऊपर चढ़ते हैं? ख़ुद ऊपर चढ़ें और अपने साथ दूसरों को भी ऊपर ले चलें यही महत्त्व की बात है। यह काम तो हमेशा आदर्शवादी लोगों ने ही किया है। समाज के पास अगर शाश्वत मूल्यों जैसा कुछ है तो वह आदर्शवादी लोगों का ही दिया हुआ है। व्यवहारवादी लोगों ने तो समाज को गिराया ही है।
(क) व्यवहारवादी लोगों की क्या विशेषताएँ बताई गई हैं? (2)
(ख) महत्त्व की बात क्या है? (1)
(ग) समाज को आदर्शवादी लोगों की क्या देन है? (2)
अथवा
हमारे जीवन की रफ़्तार बढ़ गई है। यहाँ कोई चलता नहीं, बल्कि दौड़ता है। कोई बोलता नहीं, बकता है। हम जब अकेले पड़ते हैं, तब अपने आप से लगातार बड़बड़ाते रहते हैं। अमेरिका से हम प्रतिस्पर्धा करने लगे। एक महीने में पूरा होने वाला काम एक दिन में ही पूरा करने की कोशिश करने लगे। वैसे भी दिमाग़ की रफ्तार हमेशा तेज़ ही रहती है। उसे 'स्पीड' का इंजन लगाने पर वह हज़ार गुना अधिक रफ़्तार से दौड़ने लगता है। फिर एक क्षण ऐसा आता है जब दिमाग़ का तनाव बढ़ जाता है और पूरा इंजन टूट जाता है। यही कारण है जिससे मानसिक रोग यहाँ बढ़ गए हैं।
(क) जीवन की रफ़्तार बढ़ने से लेखक का क्या आशय है? (2)
(ख) जापानियों के दिमाग़ में स्पीड का इंजन लगाने की बात क्यों कही गई है? (2)
(ग) जापान में मानसिक रोग क्यों बढ़ने लगे हैं? (1)
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