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Board Paper of Class 10 2005 Hindi (SET 2) - Solutions

(i) इस प्रश्न-पत्र के चार खण्ड हैं क, ख, ग और घ।
(ii) चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खण्ड के उत्तर क्रमश: दीजिए।


  • Question 1

    निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

    हमारे पूर्वज वायुमंडल की शुद्धता को बनाए रखने के लिए हवन करते थे और पेड़ों को काटने की अपेक्षा लगाने पर ज़ोर देते थे। वेदों में सूर्य, पवन, वरूण आदि की स्तुति के लिए सुंदर मंत्र हैं और प्रकृति की सुंदरता का मनोरम वर्णन है। किंतु आधुनिक मानव ने प्रदूषण की मात्रा इतनी बढ़ा दी है कि लगता है एक दिन यह सुंदर सलोनी धरती, जिसके बारे में वैज्ञानिक मानते रहे हैं कि असंख्य तारामंडलों में केवल हमारी पृथ्वी पर ही जीवन है, वह भी बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण, आगामी कुछ ही वर्षों में जीवन रहित हो सकती है।

    वैज्ञानिक आविष्कारों के फलस्वरूप विभिन्न प्रकार के थल, जल और नभ में चलने वाले तेज़-से-तेज़ वाहन बनाए गए। इनसे यातायात में बड़ी सुविधा हुई। दुनिया छोटी हो गई और लोग एक स्थान से दूसरे स्थान तक शीघ्रता एवं सुगमतापूर्वक आने-जाने लगे। लेकिन ये अनवरत दौड़ती रेलगाड़ियाँ, बसें, बड़े-बड़े जलयान और विमान लगातार धुआँ उगलते और शोर मचाते हैं। छठे दशक के आदमी ने अंतरिक्षयान भी बना लिया और आज रॉकेट द्वारा अनेक प्रकार के अंतरिक्षयान अंतरिक्ष में छोड़े जा रहे हैं। फलत: ये वायुमंडल की पाँचों परतों –क्षोभ मंडल, समताप मंडल, ओज़ोन मंडल, आयन मंडल और बर्हिमंडल –को प्रभावित करने लगे। ओज़ोन मंडल की मोटी परत है जो सूर्य की पराबैंगनी किरणों के कुप्रभाव से जीवों और वनस्पतियों की रक्षा करती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जब तक पृथ्वी के चारों ओर ओज़ोन की परत नहीं थी तब तक धरती पर जीवन प्रारंभ नहीं हुआ था। औद्योगिक विकास ने जहाँ हमें अनेक प्रकार की सुख-सुविधाओं की भौतिक चीज़ें उपलब्ध कराई हैं, वहाँ वायुमंडल में फ्लोरा कार्बन नामक गैस की मात्रा बढ़ा दी है। इसके कुप्रभाव से ओज़ोन की मात्रा में कमी हो जाएगी। यदि ओज़ोन गैस की परत पतली हो गई तो फिर सूर्य से आ रही पराबैंगनी किरणों से हमारा बचाव कैसे होगा? वायुमंडल में परिवर्तन से ही मौसम में बदलाव आया है। यदि इसी रफ़्तार से पृथ्वी की परिस्थितियाँ बद से बदतर होती गईं तो बहुत संभव है कि वातावरण का औसत ताप 1.5°सेल्सियस से 4.5°सेल्सियस तक बढ़ जाए, ध्रुवों पर जमी बर्फ़ पिघल जाए और हमारी धरती जलमग्न हो जाए। तब यह भी संभव है कि ध्रुव प्रदेश हमारे निवास योग्य बन जाए और जहाँ आबादी है वह समुद्र के गर्भ में समा जाए।

    आधुनिक युग में मुख्य रूप से चारों प्रकार के प्रदूषण फैल रहे हैं और भविष्य में इनका कुप्रभाव कितना फैलेगा, बताना मुश्किल है। ये प्रदूषण हैं : भुमि, वायु, जल और ध्वनि संबंधी। हम जानते हैं कि प्राय: सभी जीवधारियों को जीने के लाले पड़ जाएँगे। हवा के बाद हमारी दूसरी आवश्यकता है पानी। पानी भी अब पीने के लिए शुद्ध नहीं मिलता जबकि अन्य जीवों, पेड़-पौधों के लिए भी शुद्ध पानी ही चाहिए। हम जानते हैं कि नदी में यदि एक स्थान का जल दूषित हो जाता है तो पूरी नदी का पानी ही प्रदूषित हो जाता है।

    मौसम में बदलाव और भीषण बीमारियों के फैलने से वैज्ञानिकों ने चिंतित होकर खोज की तो उन्हें प्रदूषण ही उसका एकमात्र कारण ज्ञात हुआ। अब प्रयास किए जा रहे हैं कि अधिकाधिक पेड़ लगाकर धरती को हरा-भरा किया जाए। रासायनिक उर्वरक और कीटनाशी दवाओं का उपयोग आवश्यकतानुसार कम-से-कम किया जाए।

    कारखानों की चिमनियों को न केवल ऊँचा किया जाए बल्कि उनकी गंदगी को रोकने का भी प्रयास किया जाए। यातायात के साधनों से भी धुआँ कम-से-कम निकले और विषैले पदार्थ नदियों में प्रवाहित न किए जाएँ। हमारी भूमि जहाँ तक हो सके विषैली न हो, इसके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।

    (i) हमारे पूर्वज वायुमंडल की शुद्धता बनाए रखने के लिए क्या करते थे? (2)

    (ii) प्रदूषण की बढ़ती मात्रा का मानव जाति पर क्या प्रभाव पड़ सकता है? (2)

    (iii) ओज़ोन गैस की परत पतली होने का मानव जाति पर क्या दुष्प्रभाव पड़ेगा? (2)

    (iv) प्रदूषण की मात्रा घटाने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं? (2)

    (v) इस गद्यांश का शीर्षक लिखिए।  (2)

    (vi) 'अंसख्य' तथा 'कुप्रभाव' शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।  (2)

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  • Question 2

    निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए – 

    हम दूरदर्शन पर बोलेंगे
    हम समर्थ शक्तिवान
    हम एक दुर्बल को लाएँगे
    एक बंद कमरे में
    उससे पूछेंगे तो आप क्या अपाहिज हैं?
    तो आप क्यों अपाहिज हैं?
    आपका अपाहिजपन तो दुख देता होगा
    देता है?
    (कैमरा दिखाओ इसे बड़ा बड़ा)
    हाँ तो बताइए आपका दुख क्या है
    जल्दी बताइए वह दुख बताइए
    बता नहीं पाएगा
    सोचिए
    बताइए
    आपको अपाहिज होकर कैसा लगता है
    कैसा
    यानी कैसा लगता है
    (हम खुद इशारे से बताएँगे कि क्या ऐसा?)
    सोचिए
    बताइए
    थोड़ी कोशिश करिए

    (i) कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले अपाहिज व्यक्ति को एक बन्द कमरे में क्यों लाते हैं? (1)

    (ii) अपाहिज के चेहरे को दूरदर्शन पर क्लोज़-अप में क्यों दिखाया जाता है? (1)

    (iii) क्या दूरदर्शन पर कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले दर्शकों की कोमल भावनाओं का व्यापार करते हैं? (2)

    (iv) आपको अपाहिज होकर कैसा लगता है? – पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए। (2)

    अथवा

    प्रात नभ था बहुत नीला शंख जैसे
    भोर का नभ
    राख से लीपा हुआ चौका
    (अभी गीला पड़ा है)
    बहुत काली सिल ज़रा से लाल केसर
    कि जैसे धुल गई हो
    स्लेट पर या लाल खड़िया चाक
    मल दी हो किसी ने
    नील जल में या किसी की
    गौर झिलमिल देह
    जैसे हिल रही हो।
    और...
    जादू टूटता है इस उषा का अब
    सूर्योदय हो रहा है।

    (i) यह कैसे ज्ञात होता है कि प्रस्तुत कविता में गाँव की सुबह का गतिशील चित्र अंकित किया गया है? (2)

    (ii) कवि को भोर के समय आकाश कैसा प्रतीत होता है? (2)

    (iii) 'बहुत काली सिल ज़रा से लाल केसर कि जैसे धुल गई हो' – पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए। (2)

    (iv) भोर के नभ की सुन्दरता का वर्णन करते हुए लेखक के सामने कौन-कौन से चित्र उभरते हैं? (2)

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  • Question 3

    निम्नलिखित में से एक विषय पर लगभग 300 शब्दों में निबन्ध लिखिए –

    (क) वर्तमान युग में भ्रष्टाचार निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। प्रत्येक व्यक्ति धन की लालसा से ग्रस्त है। इसके फलस्वरुप भ्रष्टाचार में वृद्धि हो रही है। व्यापारी वस्तुओं में मिलावट करते हैं। पारिवारिक सम्बन्धों में अनैतिकता में वृद्धि हो रही है। वेश्याओं की बढ़ती संख्या समाज को खोखला कर रही है।

    (ख) आधुनिक युग में खेल मनोरंजन का एक प्रमुख साधन है। खेल और स्वास्थय का गहरा सम्बन्ध है। अच्छे खिलाड़ियों को विज्ञापनों से करोड़ों रुपए प्रतिवर्ष प्राप्त होते हैं। आजकल क्रिकेट जैसे खेलों पर अरबों रुपए का सट्टा लगाया जाता है। यदि खेल न होते तो हानि के साथ अनेक लाभ भी होते।

    (ग) मैं पिछले अनेक वर्षों से कारावास की यातना भोग रहा हूँ। मैं पहले एक निर्दोष बालक था परन्तु एक विशेष घटना के कारण मुझे जेल जाना पड़ा। जेल की स्थिति अत्यन्त शोचनीय है। मैं जेल में परिश्रम और पश्चाताप करते हुए अपना समय व्यतीत कर रहा हूँ।

    (घ) आज महानगर में बढ़ता प्रदूषण आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है जिसके कारण आपको अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उनका उल्लेख करते हुए बताइए कि बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकने में प्रत्येक नागरिक की क्या भूमिका हो सकती है।

    (ङ) जीवन में संगति का अत्यधिक महत्त्व है। संगति का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जीवन में आप यदि सफलता पाना चाहते हैं तो आपको श्रेष्ठ व्यक्तियों की संगति करनी चाहिए।

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  • Question 4

    स्वास्थ्य में अपेक्षित सुधार लाने के लिए नित्य व्यायाम करने की प्रेरणा देते हुए अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए। 

    अथवा

    आपके नगर में अनधिकृत मकान बनाए जा रहे हैं, इनकी रोकथाम के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखिए।

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  • Question 5

    निम्नलिखित वाक्यों में प्रस्तुत क्रियाओं के भेद लिखिए –

    (i) माधव सो रहा है।

    (ii) अध्यापिका पढ़वा रही है।

    (iii) राजू को दवा पिलाओ।

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  • Question 6

    निम्नलिखित वाक्यों में से अवयव छाँटिए तथा उनका भेद भी लिखिए –

    (i) वह ज़ोर-ज़ोर से रो रहा था।

    (ii) तुमने स्नान किया या नहीं।

    (iii) चार हाथी जुलूस के आगे चल रहे थे।

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  • Question 7

    निम्नलिखित वाक्यों को मिलाकर एक-एक सरल, सयुंक्त और मिश्र वाक्य बनाइए –

    (i) प्रधानाचार्य हाल में आए।

    (ii) सब विद्यार्थी शांत हो गए।

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  • Question 8

    निर्देशानुसार वाच्य-परिवर्तन कीजिए –

    (i) सास लड़ नहीं सकी। (भाववाच्य)

    (ii) राजा द्वारा प्रजा को कष्ट दिए गए। (कर्त्तृवाच्य)

    (iii) कलाकार मूर्ति गढ़ता है। (कर्मवाच्य)

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  • Question 9

    (i) निम्नलिखित समासों का विग्रह करते हुए समास का भेद बताइए –  (2)

    दही-बड़ा, चतुरानन

    (ii) निम्नलिखित शब्दों के दो-दो अर्थ बताइए – (1)

    पंचानन, पय

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  • Question 10

    निम्नलिखित में से किसी एक काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
    (क) दुविधा-हत साहस है, दिखता है पंथ नहीं,
    देह सुखी हो पर मन के दुख का अंत नहीं।
    दुख है न चाँद खिला शरद-रात आने पर,
    क्या हुआ जो खिला फूल रस-बसंत जाने पर?
    जो न मिला भूल उसे कर तू भविष्य वरण,
    छाया मत छूना
    मन, होगा दुख दूना।

    (i) देह सुखी होने पर भी मन के दु:ख का अंत क्यों नहीं होता? (2)

    (ii) 'शरद रात' किसका प्रतीक है? (2)

    (iii) 'जो न मिला ....... भविष्य वरण' द्वारा कवि मानव को क्या प्रेरणा देता है? (2)

     

    अथवा

    (ख) यह विडंबना! अरी सरलते तेरी हँसी उड़ाऊँ मैं।
    भूलें अपनी या प्रवंचना औरों की दिखलाऊँ मैं।
    उज्जवल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की।
    अरे खिल-खिला कर हँसते होने वाली उन बातों की।
    मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देखकर जाग गया।
    आलिंगन में आते-आते मुसक्या कर जो भाग गया।

    (i) 'मधुर चाँदनी रातों की उज्जवल गाथा' से कवि का क्या तात्पर्य है? (2)

    (ii) कवि जिस सुख का स्वप्न देख रहा था वह उसे क्यों नहीं मिल पाया? (2)

    (iii) अन्य लोगों ने कवि के साथ कैसा व्यवहार किया? (2)

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  • Question 11

    निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन का उत्तर दीजिए – (3 + 3 + 3)

    (i) परशुराम ने सभा के मध्य अपने विषय में क्या कहा?

    (ii) कवि देव ने अपनी कविता में चाँदनी रात की सुंदरता को किन-किन रुपों में देखा है?

    (iii) मृगतृष्णा किसे कहते हैं? 'छाया मत छूना' कविता में इसका प्रयोग किस अर्थ में हुआ है?

    (iv) संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा और किन-किन क्षेत्रों में दिखाई देते हैं?

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  • Question 12

    निम्नलिखित काव्यांशों में से किसी एक को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
    (क) फटिक सिलानि सौं सुधारायौ सुधा मंदिर,
    उद्धि दधि को सो अधिकाइ उमगे अमंद।
    बाहर ते भीतर लौं भीति लौं भीति न दिखैए 'देव',
    दूध को सो फेन फैल्यो आँगन फरसबंद।
    तारा सी तरूनि तामें ठाढ़ी झिलमिली होति,
    मोतिन की जोति मिल्यो मल्लिका को मकरंद।
    आरसी से अंबर में आभा सी उजारी लगै,
    प्यारी राधिका को प्रतिबिंब सो लगत चंद।।

    (i) यह पंक्तियाँ किस छन्द में लिखी गई हैं? (1)

    (ii) 'फटिक सिलानि सौं सुधारयौ सुधा मन्दिर' में किस अलंकार का प्रयोग किया गया है? (1)

    (iii) 'तारा सी तरूनि तामें ठाढ़ी झिलमिली होति' में किस अलंकार का प्रयोग किया गया है? (1)

    (iv) इन पंक्तियों में किस भाषा का प्रयोग किया गया है? (1)

    (v) यह पंक्तियाँ हिन्दी साहित्य के किस काल से सम्बन्धित हैं? (1)

    अथवा

    (ख) दुविधा-हत साहस है, दिखता है पंथ नहीं,
    देह सुखी हो पर मन के दुख का अंत नहीं।
    दुख है न चाँद खिला शरद-रात आने पर,
    क्या हुआ जो खिला फूल रस-बसंत जाने पर?
    जो न मिला भूल उसे कर तू भविष्य वरण,
    छाया मत छूना
    मन, होगा दुख दूना।

    (i) छाया छूने का अर्थ स्पष्ट कीजिए। (1)

    (ii) इन पंक्तियों से कोई दो तत्सम शब्द छाँटकर लिखिए। (1)

    (iii) इन पंक्तियों में कौन-से छन्द का प्रयोग किया गया है? (1)

    (iv) अन्तिम पंक्ति में कौन-से अलंकार का प्रयोग किया गया है? (1)

    (v) इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने क्या सन्देश दिया है? (1)

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  • Question 13

    निम्नलिखित में से किसी एक गद्यांश के नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

    (क) पर यह सब तो मैंने केवल सुना। देखा, तब तो इन गुणों के भग्नावशेषों को ढोते पिता थे। एक बहुत बड़े आर्थिक झटके के कारण वे इंदौर से अजमेर आ गए थे, जहाँ उन्होंने अपने अकेले के बल-बूते और हौसले से अंग्रेज़ी-हिंदी शब्दकोश (विषयवार) के अधूरे काम को आगे बढ़ाना शुरू किया जो अपनी तरह का पहला और अकेला शब्दकोश था। इसने उन्हें यश और प्रतिष्ठा तो बहुत दी, पर अर्थ नहीं और शायद गिरती आर्थिक स्थिति ने ही उनके व्यक्तित्व के सारे सकारात्मक पहलुओं को निचोड़ना शुरू कर दिया। सिकुड़ती आर्थिक स्थिति के कारण और अधिक विस्फारित उनका अहं उन्हें इस बात तक की अनुमति नहीं देता था कि वे कम-से-कम अपने बच्चों को तो अपनी आर्थिक विवशताओं का भागीदार बनाएँ। नवाबी आदतें, अधूरी महत्त्वकांक्षाएँ, हमेशा शीर्ष पर रहने के बाद हाशिए पर सरकते चले जाने की यातना क्रोध बनकर हमेशा माँ को कँपाती-थरथराती रहती थी। अपनों के हाथों विश्वासघात की जाने कैसी गहरी चोटें होंगी वे, जिन्होंने आँख मूँदकर सबका विश्वास करने वाले पिता को बाद के दिनों में इतना शक्की बना दिया था कि जब-तब हम लोग भी उसकी चपेट में आते ही रहते।

    (i) लेखिका के पिता को इन्दौर से अजमेर क्यों आना पड़ा? (2)

    (ii) लेखिका की माता किस कारण भयभीत रहती थी? (2)

    (iii) लेखिका के पिता के स्वभाव में संदेह की भावना क्यों बढ़ गई थी? (2)

    अथवा

    (ख) मान लीजिए कि पुराने जमाने में भारत की एक भी स्त्री पढ़ी-लिखी न थी। न सही। उस समय स्त्रियों को पढ़ाने की ज़रूरत न समझी गई होगी। पर अब तो है। अतएव पढ़ाना चाहिए। हमने सैंकड़ों पुराने नियमों, आदेशों, और प्रणालियों को तोड़ दिया है या नहीं? तो, चलिए, स्त्रियों को अपढ़ रखने की इस पुरानी चाल को भी तोड़ दें। हमारी प्रार्थना तो यह है कि स्त्री-शिक्षा के विपक्षियों को क्षणभर के लिए भी इस कल्पना को अपने मन में स्थान न देना चाहिए कि पुराने ज़माने में यहाँ की सारी स्त्रियाँ अपढ़ थीं अथवा उन्हें पढ़ने की आज्ञा न थी। जो लोग पुराणों में पढ़ी-लिखी स्त्रियों के हवाले माँगते हैं उन्हें श्रीमद्भागवत, दशमस्कंध के उत्तरार्द्ध का त्रेपनवाँ अध्याय पढ़ना चाहिए। उसमें रूक्मिणी-हरण की कथा है। रूक्मिणी ने जो एक लंबा-चौड़ा पत्र एकांत में लिखकर, एक ब्राह्मण के हाथ, श्रीकृष्ण को भेजा था वह तो प्राकृत में न था। उसके प्राकृत में होने का उल्लेख भागवत में तो नहीं। उसमें रूक्मिणी ने जो पांडित्य दिखाया है वह उसके अपढ़ और अल्पज्ञ होने अथवा गँवारपन का सूचक नहीं। पुराने ढंग के पक्के सनातन धर्मावलंबियों की दृष्टि में तो नाटकों की अपेक्षा भागवत का महत्त्व बहुत ही अधिक होना चाहिए। इस दशा में यदि उनमें से कोई यह कहे कि सभी प्राचीनकालीन स्त्रियाँ अपढ़ होती थीं तो उसकी बात पर विश्वास करने की ज़रूरत नहीं। भागवत की बात यदि पुराणकार या कवि की कल्पना मानी जाए तो नाटकों की बात उससे भी गई-बीती समझी जानी चाहिए।

    (i) लेखक स्त्रियों को शिक्षा देना क्यों आवश्यक समझता है? (2)

    (ii) पुराणों में स्त्रियों के शिक्षित होने का प्रमाण कहाँ मिलता है? (2)

    (iii) क्या आप इस बात से सहमत हैं कि प्राचीन-काल में सभी स्त्रियाँ अशिक्षित होती थीं? (2)

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  • Question 14

    निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए – (3 + 3 + 3)

    (i) फ़ादर बुल्के भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग हैं –किस आधार पर ऐसा कहा गया है?

    (ii) पुराने समय में स्त्रियों द्वारा प्राकृत भाषा में बोलना क्या उनके अपढ़ होने का सबूत है –पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

    (iii) सुषिर वाद्यों से क्या अभिप्राय है? शहनाई को 'सुषिर वाद्यों' में शाह की उपाधि क्यों दी गई होगी?

    (iv) न्यूटन को संस्कृत मानव कहने के पीछे कौन-से तर्क दिए गए हैं। न्यूटन द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों एवं ज्ञान की कई दूसरी बारीकियों को जानने वाले लोग भी न्यूटन की तरह संस्कृत नहीं कहला सकते, क्यों?

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  • Question 15

    (i) गरमी की उमस भरी संध्याएँ भी भगत के स्वरों को निढाल नहीं कर पाती थीं। इस कथन के आलोक में भगत के मधुर गायन की विशेषताएँ लिखिए।  (3)

    (ii) मंदिर में शहनाई बजाने से प्राप्त धन को बिस्मिल्ला खाँ कैसे खर्च करते थे? (2)

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  • Question 16

    निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक प्रश्न का उत्तर दीजिए –

    (i) झिलमिलाते सितारों की रोशनी में नहाया गंतोक लेखिका को किस प्रकार सम्मोहित कर रहा था?

    (ii) 'माता का आँचल' रचना में तीस के दशक की ग्राम्य संस्कृति का चित्रण है। आज की ग्रामीण संस्कृति में आपको किस तरह के परिवर्तन दिखाई देते हैं?

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  • Question 17

    निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए – (2 + 2 + 2)

    (i) 'साना-साना हाथ जोड़ि.....' में लेखिका ने चलायमान सौंदर्य को जीवन का आनन्द क्यों कहा है?

    (ii) जलाए जाने वाले विदेशी वस्त्रों के ढ़ेर में अधिकांश वस्त्र फटे-पुराने थे परंन्तु दुलारी द्वारा विदेशी मिलों में बनी कोरी साड़ियों का फेंका जाना किस मानसिकता को दर्शाता है?

    (iii) 'माता का आँचल' शीर्षक की उपयुक्तता बताते हुए कोई अन्य शीर्षक सुझाइए!

    (iv) गंतोक को लेखक ने 'मेहनतकश बादशाहों का शहर' क्यों कहा है?

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